एक सम्मेलन में लावरोव ने मॉस्को में राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाल ही में हुई शिखर बैठक पार यूक्रेन की टिप्पणी को अपमानजनक बताया।
भारत और रुस की दोस्ती दशकों पुरानी है. दोनों एक दुसरे की मुसीबत में एक दूसरें के साथ नजर आते है. रुस ने एक बार फिर भारत की खुल कर तारीफ की और भारत को एक महान शक्ति बताया है. रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने एक बयान में कहा कि भारत एक महान शक्ति है, जो अपने राष्ट्रीय हितों का निर्धारण खुद करता है. और अपने साझेदारों को खुद चुनता है. आगे उन्होंने नई दिल्ली पर जो दबाव डाला जा रहा है उसे भी गलत बताया।
एक संवाददाता सम्मेलन में लावरोव ने मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हाल में हुई शिखर बैठक में यूक्रेन की टिप्पणी को अपमानजनक बताया। लावरोव नें आगे कहा कि, ” मेरा मानना है कि भारत एक महान शक्ति है जो अपने राष्ट्रीय हित का निर्धारण खुद करता है. और अपने साझेदारों को खुद चुनता है.ल हम जानते है कि भारत पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव डाला जा रहा है. जो की पूरी तरह से अनुचित है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था रुस दौरा
प्रधानमंत्री मोदी 22 वें भारत रुस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन के आमंत्रण पर रुस की आधिकारिक यात्रा पर 8 और 9 जुलाई को गए थे. रूस – यूक्रेन युद्ध के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रुस के आक्रमण की निंदा नहीं की है.
अमेरिका ने जताई थी चिंता
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के दौरान कहा था, ‘हमने भारत के रूस के साथ संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम स्पष्ट बातचीत करते हैं, और इसमें रूस के साथ संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं।’
रुस और अमेरिका से संबंधो के बीच संतुलन
सोवियत काल से ही भारत और रुस की बीच बेहद मजबूत संबंध है. सोवियत संघ के टूटने के बाद भी ये संबंध बने रहे। भारत रूस से सबसे अधिक हथियार लेता है. हॉल में भारत ने रुस से S 400 एयर डिफेंस सिस्टम लिया था. रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद तमाम अन्तर्राष्ट्रीय दवाबों के बाद भी भारत रुस से कच्चा तेल लेता रहा. हालांकि इस पर भारत की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी खूब हुई.
भारत ने पिछले कुछ सालों में पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है। इसकी एक बड़़ी वजह चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती भी है। पिछले कुछ सालों में भारत ने रूस पर हथियारों की निर्भरता कम करने की कोशिश की है। वह अब अमेरिका और यूरोपीय देशों से आधुनिक हथियारों को खरीद रहा है
UNSC की अध्यक्षता कर रहा है रूस
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भाग लेने न्यूयॉर्क पहुंचे रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान यह टिप्पणी की। रूस इस महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। विदेश मंत्री लावरोव संवाददाताओं द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री की हालिया रूस यात्रा और उससे ऊर्जा सहयोग को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।