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Rudraksh Dharan Karne Ke Labh: पाना चाहते हैं शिव कृपा तो धारण करे यह चीज़

Rudraksh Dharan Karne Ke Labh

Rudraksh Dharan Karne Ke Labh

Rudraksh Dharan Karne Ke Labh: जब कभी हम भगवान शिव की छवि का ध्यान करते हैं तो अपने आप ही रुद्राक्ष की माला भी दिखाई देने लगती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष महादेव के अश्रुओं से उत्पन्न हुए थे जो केवल बीज़ नहीं बल्कि जीवन्त ऊर्जा स्रोत हैं और इसे धारण करने पर साधक को विभिन्न प्रकार की ऊर्जा प्राप्ति होती है। रुद्राक्ष को धारण करने के बाद जब यह शरीर से संपर्क साधत है तो इसके स्पर्श मात्र से ही तनाव कम(rudraksha for stress management) होने लगता है, एकाग्रता बढ़ने लगती है। यह आध्यात्मिक साधना में तो लाभकारी होता ही है परंतु साथ ही इसे धारण करने पर अन्य लाभ भी मिलते हैं।

Rudraksh Dharan Karne Ke Labh

रुद्राक्ष धारण करने के भौतिक और आध्यात्मिक लाभ

जी हां, रुद्राक्ष शिव को बेहद ही प्रिय हैं।ऐसे में रुद्राक्ष केवल सजावट की वस्तु नहीं परंतु यह शक्तिशाली आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है और आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में संपूर्ण जानकारी (rudraksha pehanane se kya hota hai) उपलब्ध कराएंगे। जहां हम बताएंगे रुद्राक्ष किस प्रकार धारण करना चाहिए और इसे धारण करने से शरीर में क्या परिवर्तन होते हैं।

रुद्राक्ष धारण करने पर होने वाले लाभ(benefits of wearing ruraksha)

मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति: रुद्राक्ष धारण करने पर जीवन में मानसिक शांति आने लगती है। रुद्राक्ष को नेचुरल स्ट्रेस रिलीवर भी कहा जाता है इसे धारण करने पर मन शांत होने लगता है नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं।

हॄदय स्वास्थ्य और रक्तचाप के लिए लाभकारी: रुद्राक्ष को पहनने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आ जाता है। रुद्राक्ष का स्पर्श धड़कन को सामान्य कर देता है। उच्च रक्तचाप वाले लोग यदि रुद्राक्ष धारण करते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आता है साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होता है।

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रूप प्रतिरोधक क्षमता: रुद्राक्ष को धारण करने के बाद शरीर में एक विशेष कंपन उत्पन्न होता है, इस कंपन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। रुद्राक्ष धारण करने के बाद व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म भी कंट्रोल में आने लगता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।

आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति: रुद्राक्ष केवल भौतिक लाभ नहीं देता बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा को भी जागृत करता है। रुद्राक्ष सातों चक्रों में संतुलन स्थापित करवाता है और साधना में प्रगति करवाता है।

नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: रुद्राक्ष धारण करने पर नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलने लगती है, रुद्राक्ष धारण करने पर बुरी शक्तियों से सुरक्षा होती है। यह आपको एक अदृश्य सुरक्षा कवच प्रदान करता है जो नकारात्मक ऊर्जा और नजर दोष से आपकी रक्षा करता है।

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