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MP: RJ Raunak ने सुल्ताना डाकू से की टंट्या मामा की तुलना

rj raunak -

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MP News: वीडियो के सामने आने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे आदिवासी समाज के देवता तुल्य टंट्या मामा के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले यूट्यूबर आरजे रौनक का कृत्य माफ़ी योग्य नहीं हैं. इस यूट्यूबर ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आदिवासी समाज के सर्वाधिक सम्मानीय टंट्या मामा के बारे में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वो क्षमा योग्य नहीं है।

रेडियो जॉकी (RJ) और यूट्यूबर रौनक का एक वीडियो सामने आया है. उन्होंने अपने वीडियो में टंट्या मामा की तुलना सुल्ताना डाकू से की है. 6 सेकंड के वीडियो को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमर सिंघार की ओर से आपत्ति जताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.

वीडियो डिलीट कर मांगी माफ़ी

आरजे रौनक के यूट्यूब वीडियो पर विवाद शुरू हुआ तो उन्होंने ट्वीट कर माफ़ी मांगी। उन्होंने लिखा कि दोस्तों आरजे रौनक यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए हमारे ताजा वीडियो में महान आदिवासी क्रन्तिकारी श्री टंट्या भील जी की तस्वीर गलत संदर्भ में प्रयोग हो गई थी. जैसे ही इस ओर हमारा ध्यान दिलाया गया हमने तुरंत इस वीडियो को हटा लिया। अनजाने में इस भूल के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं.

क़ानूनी कार्रवाई करे सरकार: नेता प्रतिपक्ष

वीडियो के सामने आने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे आदिवासी समाज के देवता तुल्य टंट्या मामा के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले यूट्यूबर आरजे रौनक का कृत्य माफ़ी योग्य नहीं हैं. इस यूट्यूबर ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आदिवासी समाज के सर्वाधिक सम्मानीय टंट्या मामा के बारे में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वो क्षमा योग्य नहीं है। अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन करते हुए उन्हें जो कहना था वो कह दिया। कला और मनोरंजन की आड़ में अपमान करना अपराध की श्रेणी में आता है. आपत्ति उठी तो माफ़ी मांगकर वीडियो हटा लिया। लेकिन उन्होंने जो कहा उस गलती की सजा तो मिलना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई आदिवासियों की भावना के साथ खिलवाड़ न करे.

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तत्काल कार्यवाही करे. ताकि ऐसी भ्रामक, अनर्गल अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को सबक मिले। जो हुआ वह देश के सभी आदिवासी समाज का घोर अपमान है. इससे मेरी और पूरे आदिवासी समाज की भावनाएं आहात हुई हैं.

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