Site icon SHABD SANCHI

Indian Navy के साथ WarShip बनाना चाहती है Rolls Royce

Rolls Royce Indian Navy Partnership: ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस (Rolls-Royce) ने भारतीय नौसेना (Indian Navy) के साथ पार्टनरशिप की इच्छा जताई है, ताकि भारत का पहला इलेक्ट्रिक वॉरशिप (India’s Electric Warship) बनाया जा सके। कंपनी ने हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक और फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम्स में पूर्ण सहयोग की पेशकश की है, जो ईंधन बचत और ऑपरेशनल रेंज बढ़ाने में मदद करेंगे। यह घोषणा यूके के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (UK Carrier Strike Group) के मुंबई दौरे के दौरान की गई, जहां HMS प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince of Wales) सहित युद्धपोत 9 अक्टूबर 2025 को पहुंचे। रोल्स-रॉयस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अभिषेक सिंह ने कहा, “हमारे हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक और फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो ईंधन बचत करेंगे और ऑपरेशनल रेंज बढ़ाएंगे।

मुंबई में ब्रिटेन के युद्धपोतों के दौरे ने भारतीय रक्षा अधिकारियों को रोल्स-रॉयस की वर्ल्ड-क्लास नेवल टेक्नोलॉजी (Rolls-Royce Naval Technology) से रूबरू कराया। रोल्स-रॉयस के डायरेक्टर एलेक्स जीनो ने कहा, “ब्रिटेन के युद्धपोत का भारत दौरा भारतीय रक्षा अधिकारियों के लिए कंपनी की वर्ल्ड-क्लास नेवल टेक्नोलॉजी को करीब से जानने का शानदार अवसर था।” CSG में HMS रिचमंड (HMS Richmond) और एक सबमरीन शामिल हैं, जो रोल्स-रॉयस के स्पे मरीन गैस टर्बाइन और न्यूक्लियर सिस्टम्स से पावर्ड हैं। HMS प्रिंस ऑफ वेल्स में दो MT30 गैस टर्बाइन अल्टरनेटर्स और चार डीजल जेनरेटर्स से 109 मेगावाट पावर जेनरेट होती है – जो एक छोटे शहर को रोशन करने के लिए काफी है। यह दौरा भारत-यूके रक्षा सहयोग (India-UK Defense Partnership) को मजबूत करने का प्रतीक है।

मेक इन इंडिया’ के तहत रोल्स-रॉयस की मौजूदगी

रोल्स-रॉयस भारत में लगभग 90 साल से सक्रिय है, और ‘मेक इन इंडिया’ के अनुरूप अपनी सप्लाई चेन, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सुविधाओं का विस्तार कर चुकी है। कंपनी भारत में 4,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है और भारतीय वायुसेना, नौसेना व थलसेना के 1,400 से अधिक प्लेटफॉर्म्स को अपने इंजनों से पावर प्रदान करती है। रक्षा क्षेत्र में ग्लोबल लीडर के रूप में रोल्स-रॉयस इलेक्ट्रिफिकेशन और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर फोकस कर रही है, जो वॉरशिप कंस्ट्रक्शन में गहरी साझेदारी का आधार बनेगी। यह कदम भारत की नौसेना को ग्रीन और एडवांस्ड प्रोपल्शन सिस्टम्स से लैस करने में मदद करेगा।

रोल्स-रॉयस की इस पहल से भारत का पहला इलेक्ट्रिक वॉरशिप जल्द हकीकत बन सकता है, जो नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाएगा। कंपनी का मानना है कि यह टेक्नोलॉजी भारतीय नौसेना की रेंज को काफी बढ़ा देगी।

Exit mobile version