Rahul Gandhi Raebareli: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल के वायनाड के बाद यूपी की रायबरेली सीट से भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. पहले माना जा रहा था कि इस सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Wadra) चुनाव लड़ेंगी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी से.
Rahul Gandhi Vs Dinesh Pratap Singh: सोनिया गांधी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली लोकसभा से राहुल गांधी ने अपना नामांकन पर्चा भर दिया है. पहले ऐसी अटकलें थीं कि वायनाड के अलावा Rahul Gandhi अमेठी से और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेगी। लेकिन कांग्रेस ने Amethi से किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) को मैदान में उतारा है और RaGa को Raebareli से. हालांकि राहुल का अमेठी छोड़ रायबरेली से चुनाव लड़ने के पीछे कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी के लिए मजाक का कारण भी बन गई है. बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि गांधी परिवार के लोग जिस सीट से चुनाव हारते हैं वहां दोबारा नहीं जाते, अमेठी की तरह रायबरेली में चुनाव हारने के बाद यहां कोई नहीं आएगा।
राहुल गांधी 3 मई को अपना नामांकन भरने के लिए रायबरेली पहुंचे। यहां उनके साथ सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, रोबर्ट वाड्रा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी पहुंचे। नामांकन भरने से पहले राहुल गांधी और प्रियंका किशोरी लाल शर्मा के नामांकन में शामिल होने के लिए अमेठी भी पहुंचे थे.
वायनाड में रिस्क, रायबरेली सिर्फ बैकअप
कहा जा रहा रहा है कि इस बार राहुल गांधी को वायनाड सीट से थोड़ा रिस्क लग रहा था. क्योंकि यहां INDI दल में शामिल CPI (M) ने भी अपना कैंडिडेट उतारा है. केरल के सीएम से भी राहुल गांधी की ठनी चल रही है. वायनाड में हार के खतरे में राहुल गांधी ने भांपते हुए सुरक्षित सीट रायबरेली को चुना। क्योंकि इस सीट से गांधी-नहरू परिवार के लोग ही चुनाव जीतते आए हैं. बहरहाल यही हाल अमेठी में भी हुआ करता था.
रायबरेली में राहुल गांधी बनाम दिनेश प्रताप सिंह
रायबरेली से भारतीय जनता पार्टी ने यूपी सरकार के मंत्री और MLC दिनेश प्रताप सिंह को मौका दिया है. दिनेश प्रताप 3 बार MLC रह चुके हैं. लेकिन रायबरेली लोकसभा से उन्हें सोनिया गांधी के सामने हार का सामना भी करना पड़ा है. फिर भी देखा जाए तो इस सीट से दिनेश प्रताप सिंह ने बीजेपी के लिए अबतक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. जहां 2014 के चुनाव में इस सीट से सोनिया गांधी को 3.52 लाख वोटों से जीत मिली थी वहीं 2019 में दिनेश प्रताप सिंह के कारण सोनिया के जीत का अंतर 1.67 लाख रह गया था.
पहले कोंग्रेसी थे दिनेश प्रताप सिंह
2018 तक दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस पार्टी में थे. 2010 और 2016 में उन्हें MLC चुना गया था. 2018 में उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. तब बीजेपी ने उन्हें सोनिया के खिलाफ मैदान में उतारा था. 2019 में सोनिया का वोट प्रतिशत कम करने वाले दिनेश प्रताप को बीजेपी ने MLC बनाया और योगी सरकार के दूसरे टर्म में उन्हें बागवानी, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात के लिए राज्य मंत्री बनाया गया.