Rice Can Causes Diabetes : खाने में अगर भारतीय थाली की करें तो चावल और रोटी शामिल जरूर होती है। चावल और रोटी वो अनाज हैं जिनमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इन दोनों का अधिक सेवन प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण मेटाबॉलिज्म से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ावा दे रहा है। अगर हम खराब गुणवत्ता वाले भोजन, अधिक कार्बोहाइड्रेट और सैचुरेटेड फैट का सेवन करते हैं, तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
सेहत के लिए क्या है सही- रोटी या चावल?
भारतीय भोजन थाल में रोटी और चावल की अधिकता के कारण इसे “कार्ब लविंग नेशन” भी कहा जाता है। अधिकांश लोग रोजाना कुल कैलोरी का 70-80 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त करते हैं। अक्सर यह धारणा है कि रोटी चावल से बेहतर है, पर यह सही नहीं है। मैक्स हॉस्टिपल, नई दिल्ली की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रीतिका समादार कहती हैं कि चावल बेहतर तभी हो सकता है जब आटे की गुणवत्ता अच्छी हो, वर्ना रिफाइंड आटा वाली रोटी भी नुकसानदायक हो सकती है।
क्या कहती है ICMR की रिपोर्ट?
ICMR के एक अध्ययन के अनुसार, अधिकांश भारतीय सफेद चावल और प्रोसेस्ड अनाज पर निर्भर हैं, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ाते हैं। वर्षों से खराब खानपान की आदतें मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याओं को जन्म दे रही हैं।
अधिक कार्ब क्यों नुकसानदेह है?
अस्वास्थ्यकर कार्बोहाइड्रेट का सेवन शरीर में इंसुलिन स्तर को अनियमित कर सकता है। लंबे समय तक सफेद चावल और मैदा जैसे खराब गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से प्री-डायबिटीज और डायबिटीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इससे मोटापा, हाइपरटेंशन, और हृदय रोग जैसी बीमारियों में वृद्धि हो रही है।
संतुलित आहार ही भोजन में शामिल करें
रोटी और चावल के साथ ही त्योहारों के दौरान शुगर और फैट का भी अधिक सेवन हो जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीयों का औसतन 62 प्रतिशत दैनिक कैलोरी खराब गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट से आता है, जो स्वस्थ सीमा से अधिक है। ऐसे में संतुलित आहार के लिए आवश्यक है कि सभी पोषक तत्वों का ध्यान रखा जाए। दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सफेद चावल का अधिक प्रयोग होता है, जबकि उत्तर और मध्य भारत में गेहूं मुख्य रूप से खाया जाता है। मोटे अनाज जैसे बाजरा भी सीमित मात्रा में ही खाए जाते हैं।
सेहतमंद रहने के तरीके
- डेयरी उत्पाद और पौधों से मिलने वाले फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
- कुल कैलोरी का 50 प्रतिशत से अधिक कार्बोहाइड्रेट से न लें।
- हेल्दी कार्बोहाइड्रेट जैसे दलिया, गेहूं की चपाती, ब्राउन राइस और मोटे अनाज का प्रयोग करें।
- मैदे वाले फूड्स जैसे बन, ब्रेड, नूडल्स, रूमाली रोटी से दूरी बनाएं।
- थाली में प्रोटीन का हिस्सा 15-20 प्रतिशत और फैट का हिस्सा 30 प्रतिशत से अधिक न हो।
- प्रोटीन के स्रोत में दालें, अंडा, चिकन और मछली शामिल करें।
- हेल्दी फैट जैसे बादाम, अखरोट, अलसी, बीज और ऑलिव ऑयल का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
- शुगर का सेवन पूरी तरह बंद करें।
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