RG Kar Rape Murder Case : कोलकाता के आरजी कर डॉक्टर के साथ रेप व मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को सियालदाह अदालत ने आज उम्रकैद की सजा सुनाई है। संजय रॉय अब आखिरी सांस तक जेल की सलाखों के पीछे रहेगा। जबकि इस मामले में मृतिका को इंसाफ दिलाने के लिए देश भर के डॉक्टर व परिजन संजय रॉय को फांसी देने की मांग कर रहे थे। लेकिन कोर्ट ने उसे फांसी की सजा नहीं दी। जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को फांसी की सजा न देने का कारण भी बताया।
संजय रॉय को क्यों नहीं मिली फांसी
सियालदाह अदालत में जज अनिर्बान दास ने अपने फैसले में संजय रॉय को उम्रकैद की सजा ही देने का फैसला सुनाया है। जज अनिर्बान दास ने अपने फैसले में कहा कि संजय रॉय मरते दम तक जेल में ही रहेगा। जज अनिर्बान दास ने उम्रकैद दिए जाने को लेकर कहा कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ दे रेयर मामला नहीं है।
सीबीआई ने की थी फांसी की मांग
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलीलें पेश करते हुए देते हुए इस मामले के दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। सीबीआई ने इस मामले को दुर्लभतम बताया था। इसलिए इस मामले में फांसी की सजा से कुछ भी कम नहीं दिया जा सकता। लेकिन अदालत ने संजय रॉय को फांसी देने से इनकार करते हुए उम्रकैद की सजा दी। जज अनिर्बान दास ने कहा कि यह मामला दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं है, इसलिए उम्रकैद की सजा ही वाजिब होगी। वहीं संजय रॉय का बचाव करने वाले वकील ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जिनमें फांसी की सजा नहीं दी गई। इसके अलावा उनका कहना था कि ऐसे अपराध के कई केस हैं।
मृतिका के परिवार को 17 लाख रूपये देने का आदेश
सियालदाह अदालत ने संजय रॉय को ताउम्र जेल में रहने की सजा का आदेश देने के साथ 50 हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने राज्य सरकार को मृतिका के परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में 17 लाख दिए जाने का आदेश भी दिया। हालांकि कोर्ट के इस फैसले पर मृतिका के परिजनों में निराशा देखने को मिली। परिजनों ने मृत बेटी के दोषी को फांसी की सजा की मांग की थी।
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