मेडिकल हब बनेगा रीवा, डिप्टी सीएम ने कही बड़ी बात

Rewa MP News

Rewa MP News | मध्य प्रदेश के विंध्य का कैपिटल रीवा अब धीरे धीरे मेडिकल हब बनने जा रहा है। रीवा के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्टर में तेजी से देखने को मिल रही है। इससे यहाँ के लोगो की लाइफ में पॉजिटिव बदलाव देखने को मिल रहा है। रीवा में हर हॉस्पिटल ब्रांड इन्वेस्ट कर रहा है। इसको लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि रीवा मेडिकल हब बनने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। बाहर जाने वाले लगभग पचास प्रतिशत जटिल रोगी अब रीवा में ही इलाज करा रहे हैं।

डिप्टी सीएम ने कहा की विकशित भारत का सपना लोगों के स्वस्थ होने पर ही साकार होगा। चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार अनुसंधान से नई तकनीकों से अधिक कारगर उपचार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। इस तरह के आयोजनों से चिकित्सकों को आपस में संवाद करने और अपने ज्ञान को बेहतर करने का अवसर मिलता है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल रविवार को रीवा में तीसरी डायबीटिक फुट कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

यह भी पढ़ें: Rewa news: सर्किट हाउस में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने ली अधिकारियों की बैठक, दिए दिशा-निर्देश

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि खान-पान की आदतों और जीवनशैली के कारण डायबिटीज का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण पैरों में कई तरह की जटिलता आती हैं और कई बार पैर काटने पड़ते हैं। यह कार्यशाला लोगों को जागरूक करने और रीवा में डायबीटिक फुट की प्रभावी उपचार व्यवस्था बनाने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यशाला में चिकित्सकों ने समर्पण के भाव से जो संवाद किया है उसके सुखद परिणाम निकलेंगे।

रीवा में चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। शीघ्र ही रीवा में दो सौ बेड का कैंसर अस्पताल शुरू हो रहा है। इसमें कैंसर के उपचार के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर और आधुनिकतम मशीनें रहेंगी। सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल की सुविधाओं को भी लगातार बेहतर किया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड योजना से उपचार कराने में भी रीवा प्रदेश में सबसे आगे हैं।

यह भी पढ़ें: Indian Railway: Kanpur की ओर जाने वाली ट्रेनें पकड़ेंगी रफ़्तार, कम लगेगा समय! जानें क्यों?

कार्यशाला में इंडियन कोडायट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ए.पी. सूरी ने कहा कि 2009 में संस्था का गठन किया गया। डायबिटीज के कारण पैरों में कई तरह की समस्याएं आती हैं। इनका समय पर इलाज न होने पर पैर काटने तक की नौबत आ जाती है। संस्था का मुख्य उद्देश्य डायबिटिक फुट के उपचार की सुविधाएं मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिला स्तर पर उपलब्ध कराने की है। हम दो साल तक यदि जागरूकता अभियान चलाएं तो मध्यप्रदेश को पाँच साल में डायबिटिक फुट के रोग से मुक्त कर देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *