Rain In MP During Nautapa: मध्य प्रदेश में नौतपा की शुरुआत आज 25 मई से हो रही है, लेकिन इस बार मौसम ने अप्रत्याशित करवट ली है। नौतपा (Nautapa In Madhya Pradesh), जो आमतौर पर भीषण गर्मी और लू के लिए जाना जाता है, इस बार प्री-मानसून बारिश (Raining In Nautapa) के साथ शुरू हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्द सक्रिय होने का संकेत हो सकती है, लेकिन कुछ जानकारों का मानना है कि नौतपा में बारिश अच्छे मानसून की संभावनाओं को कमजोर कर सकती है।
नौतपा और मध्य प्रदेश का मौसम
नौतपा वह नौ दिन की अवधि है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इस साल यह 25 मई से 2 जून तक चलेगा। इस दौरान सूरज की तपिश धरती को गर्म करती है, जो मानसून के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है। मध्य प्रदेश में मई का महीना सबसे गर्म होता है, जहां औसत तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। लेकिन इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के क्षेत्र के कारण कई जिलों में प्री-मानसून बारिश ने गर्मी को कुछ हद तक कम किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में मानसून सामान्यतः 15 जून के आसपास पूर्वी क्षेत्रों (जैसे बालाघाट, मंडला, सिवनी) से प्रवेश करता है। इस बार मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 24-25 मई को केरल पहुंच सकता है, जिसके बाद मध्य प्रदेश में यह 15 जून से पहले दस्तक दे सकता है। इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है।
नौतपा में बारिश: मानसून पर असर?
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, नौतपा में बारिश को “नौतपा का गलना” कहा जाता है, जिसे अच्छे मानसून का संकेत नहीं माना जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि नौतपा में तेज गर्मी धरती को गर्म करती है, जिससे मानसून के लिए आवश्यक निम्न दाब का क्षेत्र बनता है। बारिश इस प्रक्रिया को बाधित कर सकती है, जिससे मानसून की बारिश कमजोर हो सकती है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न बदल रहे हैं, और प्री-मानसून बारिश जरूरी नहीं कि मानसून को प्रभावित करे। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून सामान्य से अधिक बारिश ला सकता है, लेकिन सटीक अनुमान लगाना अभी मुश्किल है।
कहां बारिश, कहां गर्मी?
मध्य प्रदेश में मौसम दोहरे रंग दिखा रहा है। पिछले कुछ दिनों से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, विदिशा, सीहोर, बुरहानपुर, खरगोन, धार, बालाघाट, सागर, छतरपुर और टीकमगढ़ जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और आंधी-तूफान का दौर देखा गया है। खासकर बड़वानी में 25.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सबसे अधिक है। मंदसौर, रतलाम, और छिंदवाड़ा में भी बूंदाबांदी और गरज-चमक के साथ बारिश हुई।
वहीं, ग्वालियर-चंबल, रीवा, सतना, और खजुराहो जैसे क्षेत्रों में गर्मी का प्रकोप बरकरार है। खजुराहो में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक है। ग्वालियर में 41.4 डिग्री और सतना में 41.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में 40 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि उत्तरी हिस्सों में लू का असर बना रह सकता है।
रीवा का मौसम
Rewa Weather News: रीवा में नौतपा की शुरुआत से पहले मौसम में बदलाव देखा गया। बुधवार (21 मई) को रीवा में अधिकतम तापमान 42 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा की गति 14 किमी प्रति घंटा रही, और हल्की नमी के कारण मौसम में उमस बनी रही। सूर्योदय सुबह 5:18 बजे और सूर्यास्त शाम 6:44 बजे हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, रीवा में अगले कुछ दिनों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है, लेकिन तापमान 36-38 डिग्री के बीच रह सकता है। गर्मी और उमस का असर बना रहेगा, लेकिन बारिश से कुछ राहत मिल सकती है।
मौसम विभाग ने अगले 3-5 दिनों तक मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश की संभावना जताई है। यह प्री-मानसून गतिविधियों का हिस्सा है, जो मानसून के आगमन से पहले सामान्य है। हालांकि, नौतपा में बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत तो दी है, लेकिन किसानों और मौसम विशेषज्ञों की नजर अब मानसून पर टिकी है। क्या यह बारिश मानसून की बारिश को प्रभावित करेगी, या प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर शुरू होगा? यह आने वाले हफ्तों में साफ होगा।