A massive condolence meeting was held in Rewa in memory of Brahmalin Vedanti Ji Maharaj: रीवा। राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख संत और पूर्व सांसद ब्रह्मलीन डॉ. रामविलास दास वेदांती जी महाराज की स्मृति में रीवा जिले के बांस मोड़ भठवा में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में आसपास के क्षेत्रों तथा रीवा और मऊगंज जिलों से पहुंचे सैकड़ों शिष्यों और अनुयायियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धासुमन भेंट किए तथा शब्दांजलि दी।
शोक सभा को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य केडी शुक्ला ने कहा कि वेदांती जी महाराज राममय राष्ट्र और राम मंदिर निर्माण का ध्येय लेकर इस धरती पर अवतरित हुए थे। उनका सपना पूरा होते ही वे परम पद को प्राप्त हो गए। वरिष्ठ संविदाकार शिवेंद्र तिवारी ने कहा कि वेदांती जी महाराज का जीवन मानव जाति के लिए सदैव अनुकरणीय रहेगा। वेदांती जी महाराज के परम प्रिय शिष्य रामजी उपाध्याय ने भावुक स्वर में कहा कि गुरुदेव भगवान वेदांती जी महाराज के व्यक्तित्व और कृतित्व को वर्णन करने के लिए इस संसार में शब्द अपर्याप्त हैं। समाज, देश और सनातन धर्म के लिए उनका योगदान हिंदुस्तान कभी नहीं भूल सकता।
कार्यक्रम का मंच संचालन कवि आशीष तिवारी ‘निर्मल’ ने किया। इस अवसर पर केडी शुक्ला, शिवेंद्र तिवारी, शीतला तिवारी, जगदीश सिंह, रामजी उपाध्याय, वेद व्यास उपाध्याय, सतीश मिश्रा, आशीष तिवारी ‘निर्मल’, विनोद मिश्रा, बसंत सिंह, सौरव गौतम, योगेश गौतम, जेपी तिवारी, लक्ष्मी नारायण पाण्डेय, रामनारायण शुक्ला, प्रमोद सिंह, अनुराग पांडे, विनोद विश्वकर्मा, अभिषेक उपाध्याय, राजेंद्र मिश्रा, भैया सिंह, अनिल गुप्ता, डॉ. सीबी शुक्ला, सूर्य नारायण सिंह सहित लगभग तीन सौ से अधिक शिष्यों और क्षेत्रीय जनों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ रहे डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का 15 दिसंबर को रीवा में निधन हो गया था। उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर व्याप्त है।
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