Super Specialty Hospital Rewa created history: शासकीय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा के हृदय रोग विभाग ने चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.के. त्रिपाठी के नेतृत्व में सिर्फ एक महीने के अंदर 3 सीआरटीडी (हृदय तालमेल चिकित्सा डिफाइब्रिलेटर), 1 एआईसीडी (स्वचालित प्रत्यारोपित हृदय डिफाइब्रिलेटर) और 1 सीएसपी (चालन तंत्र पेसिंग) जैसी अति-जटिल प्रक्रियाएँ सफलतापूर्वक की गईं। मध्यप्रदेश के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल ने अभी तक एक महीने में इतनी बड़ी संख्या में ये तीनों उन्नत प्रक्रियाएँ एक साथ नहीं की थीं। इस उपलब्धि से रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रदेश का पहला चिकित्सालय बन गया है। इन प्रक्रियाओं से मरीजों को आजीवन फायदा मिलेगा। इलाज कराए गए मरीज अब पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकेंगे।
इन डिवाइस से होने वाले फायदे
- हृदय की पंपिंग क्षमता में भारी सुधार हुआ
- चक्कर आना, बेहोशी और थकान जैसे लक्षण लगभग खत्म हो गए
- साँस फूलना और पूरे शरीर में सूजन की समस्या दूर हुई
- बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत समाप्त हो गई
- अचानक हार्ट अटैक या हृदय गति रुकने का खतरा टल गया
- जीवनकाल में कई सालों की बढ़ोतरी हुई
- रोजमर्रा के सारे काम फिर से करने की ताकत लौट आई
जानलेवा कार्डियक अरेस्ट से बचाएगी
जिन मरीजों का इलाज हुआ वे पहले पूर्ण हृदय अवरोध या बहुत कम पंपिंग के कारण बार-बार बेहोश हो जाते थे। डॉ. त्रिपाठी द्वारा लगाई गई ये आधुनिक डिवाइस न केवल हार्ट ब्लॉक ठीक करती हैं, बल्कि हृदय की बिजली की व्यवस्था को फिर से संतुलित कर पंपिंग शक्ति बढ़ाती हैं और जानलेवा कार्डियक अरेस्ट से भी बचाती हैं।
दिल्ली-मुंबई जैसी सुविधा अब रीवा में मुफ्त
ये प्रक्रियाएँ इतनी महँगी और जटिल हैं कि पहले केवल दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में ही संभव थीं। अब विंध्य क्षेत्र का कोई भी गरीब मरीज रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में विश्वस्तरीय इलाज पूरी तरह मुफ्त में पा सकता है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सबसे बड़ा श्रेय उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के दूरगामी विजन, निरंतर मार्गदर्शन और अस्पताल को दी गई आधुनिक सुविधाओं को जाता है। अधीक्षक एवं अधिष्ठाता डॉ. सुनील अग्रवाल ने इसे “अस्पताल की अब तक की सबसे बड़ी गौरवपूर्ण उपलब्धि” बताया। कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. व्ही.डी. त्रिपाठी और अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने डॉ. एस.के. त्रिपाठी एवं उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी। सफलता में अहम योगदान देने वाली टीम में नर्सिंग स्टाफ में किशोर, सत्येन्द्र, मनीषा और कैथलैब टीम में जय नारायण मिश्र, सत्यम, मनीष, सुमन, सुधांशु एवं निकित रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा अब महानगरों की मोहताज नहीं रही
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