Teacher breaks student’s head for not doing homework: रीवा के निजी स्कूल में होमवर्क पूरा न करने पर एक शिक्षिका ने 11 वर्षीय छात्र के साथ बेरहमी से मारपीट की। शिक्षिका मनीषा विश्वकर्मा ने स्टील की वाटर बॉटल से छात्र के सिर पर वार किया और उसे बार-बार दीवार पर पटका। बच्चा खून से लथपथ होकर घर पहुंचा। स्कूल प्रबंधन ने न तो उसका इलाज कराया और न ही परिजनों को सूचित किया। घटना का पता चलते ही पीड़ित छात्र की बहन, जो इसी स्कूल में पढ़ती है, भाई को बचाने पहुंची, लेकिन शिक्षिका ने उसके साथ भी मारपीट की।
परिजनों का आरोप है कि शनिवार 20 दिसंबर शाम से स्कूल प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा था। खून बहने के बावजूद बच्चे को अस्पताल नहीं भेजा गया। रविवार देर रात परिजन सामने आए। पीड़ित छात्र के पिता पुष्पेंद्र पांडेय ने कहा, “मैं अपनी क्षमता से ज्यादा मेहनत कर बच्चों की ऊंची फीस भरता हूं, लेकिन क्या इसलिए कि उनका सिर फोड़ दिया जाए? सिर्फ एक-दो चैप्टर अधूरे रहने पर ऐसी क्रूर सजा दी गई।” उन्होंने आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज न कराने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है, जबकि वे थाने से लेकर एसडीओपी तक शिकायत कर चुके हैं।
परिजनों ने बताया कि मारपीट के बाद बच्चा गहरे सदमे में है। उसे तेज बुखार है, खाना-पीना छोड़ दिया है और स्कूल का नाम सुनते ही सहम जाता है। दोस्तों के सामने पिटाई से उसके मन में हीन भावना पैदा हो गई है। बच्चे का इलाज जारी है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पीएन पांडेय ने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रीवा में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले ज्योति स्कूल और सेमरिया में छात्रा सुसाइड जैसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां राष्ट्रीय बाल आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
जिला शिक्षा अधिकारी रामराज मिश्रा ने कहा कि निजी स्कूल में छात्र के साथ मारपीट की शिकायत संज्ञान में आई है। जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। यदि शिक्षिका या स्कूल प्रबंधन की लापरवाही साबित हुई तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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