Rewa Police News: मैं, ईश्वर की शपथ लेता हूँ कि मैं मध्य प्रदेश पुलिस सेवा में कॉन्स्टेबल के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा, ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ करूँगा। मैं भारत के संविधान और कानूनों का सम्मान करूँगा और जनता की सेवा, सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सदा तत्पर रहूँगा। मैं अपने पद की गोपनीयता और नैतिकता को बनाए रखूँगा और बिना किसी पक्षपात या भय के अपने दायित्वों का निर्वहन करूँगा।
रीवा पुलिस कॉन्स्टेबल का वसूली करते वीडियो
Rewa Police Bribe Video: जब मध्य प्रदेश पुलिस सेवा में किसी कॉन्स्टेबल या किसी भी पुलिसकर्मी की भर्ती होती है तो जोइनिंग से पहले औपचारिक रूप से उससे यही शपथ ली जाती है. लेकिन पता नहीं क्यों जोइनिंग के तुरंत बाद वही पुलिसकर्मी ये शपथ भूल कैसे जाता है? ईमानदारी, संविधान का सम्मान, जनता की सेवा, नैतिकता जैसे शब्द उनकी डिक्शनरी से गायब हो जाते हैं. आप सोच रहे होंगे कि हम आज पुलिस पर क्यों बात कर रहे हैं? उन्हें ही उनकी शपथ क्यों पढ़ा रहे हैं? इसका जवाब आप जान जाएंगे इससे पहले ये वीडियो देखिये
ये मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले के अमहिया थाने के अंतर्गत आने वाले रेडिओ कॉलोनी का है. एक पुलिसकर्मी एक 18 साल के ई रिक्शाचालक से वसूली कर रहा था. इतने में एक जागरूक नागरिक ने उसे ऐसा करते देख लिया और मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगा. वीडियो बनते देख कॉन्स्टेबल भाग खड़ा हुआ, उसने अपनी नेमप्लेट छुपाने की पुरजोर कोशिश की भी और मोबाईल झपटने का भी प्रयास किया. ये पुलिसकर्मी सिरमौर चौक में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए तैनात था, इसने एक गरीब ई रिक्शा चालक से लिफ्ट ली, उसे कॉलेज चौराहा से पहले पड़ने वाली रेडिओ कॉलोनी की एक गली में ले गया और उसने उससे कहा, तुम्हारा चालान बनेगा।
गरीब से एक हजार की मांग
पहली बात एक कॉन्स्टेबल किसी का चालान नहीं बना सकता और दूसरी बात अगर ई रिक्शा चालाक ने कोई ट्रैफिक रूल तोडा था तो पहले उससे लिफ्ट क्यों ली गई, लिफ्ट के बहाने उसे एकांत गली में क्यों ले जाया गया और ऐसा कौन सा चालान काटने के लिए कहा गया जिसकी कोई पर्ची नहीं होती? तो जाहिरतौर पर वो उससे चढोत्री की मांग रहा था. हमनें उस गरीब ई रिक्शा चालक से पुछा कि साहब ने कितने पैसे मांगे थे वो उसने बताया एक हजार!
अब आप बताइयते रीवा में एक ई रिक्शा चालाक दिन में कितना रुपए कमा लेता होगा? और कितना बचा लेता होगा? बमुश्किल 300-400 रुपए, और ये जाहिर सी बात है ई रिक्शा चलाने वाले का परिवार कोई धन्नासेठ नहीं होगा वरना कॉलेज में एडमिशन लेने की उम्र में कोई लड़का ई रिक्शा अपने शौख के लिए तो नहीं चलाता होगा इस फील्ड में तो ऊपरी कमाई भी कहाँ है?
गनीमत रही कि उस जागरूक नागरिक ने उस गरीब चालक की जेब खाली होने से रोक लिया, और उस मेहनतकश, ईमानदारी और वर्दी के प्रति निष्ठा की मिसाल पेश करने वाले उस पुलिसकर्मी को खाली हाथ लौटना पड़ा. अच्छा हमें जब ये वीडियो मिला हम तुरंत सिरमौर चौक गए, देखा कि साहब बैठे हैं और नेमप्लेट गायब है. कुछ देर बाद साहब अपनी ड्यूटी भी करने लगे, ऑटोचालकों के ऑटो में डंडे मारकर प्यार से उन्हें सम्मानजनक तरीके से ट्रैफिक रूल समझा रहे थे.
छोड़ दीजिये नई भर्ती है
वहीं पर चालान की पर्ची लिए सिंगल स्टार हेड कॉन्स्टेबल भी बैठे थे और उनके साथ दो ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी थे. हमने उनसे साहब का नाम पुछा उन्होंने ने बताने से मना कर दिया, जब हमने बताया कि इनका वीडियो मिला है एक ई रिक्शा चालाक से वसूली करते तो पहले वो हंसे और कहा छोड़ दीजिये न्यू जोइनी है.सवाल ये है कि अगर उस कॉन्स्टेबल का वीडियो नहीं बनता तो क्या वो उस ई रिक्शा चालाक से बिना पत्ती लिए छोड़ देता?
अपनी इज्जत अपने हाथ
पुलिस आम जनता से यह अपेक्षा करती है कि वो पुलिस का सम्मान करे और जाहिरतौर पर करना भी चाहिए, और ये सिद्धांत उस तरफ से भी एक्वाली लागू होता है. लेकिन उस ई रिक्शा चालाक की नज़रों में क्या अब पुलिस के प्रति सम्मान रह जाएगा? इसका जबाव एक कहावत में छीपा है सौ टके की एक ही बात अपनी इज्जत अपने हाथ।