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Rewa News: फ्लाई ओवर निर्माण में MPEB और PWD ने किया करोड़ों का खेल

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Rewa news in Hindi: शिकायतकर्ता जवाहर लाल शुक्ला ने कहा कि 680 मीटर के एस्टीमेट स्वीकृत मिली थी अधिकारियों द्वारा उसे रिवाइज करके 6.5 किलोमीटर कर दिया गया। 73 लाख की पीएसी को 5 करोड़ 22 लाख कर दिया। शिकायत कर्ता ने कहा कि अनियमित रूप से 10 परसेंट तक पुनिरीक्षण सीमा को 231 प्रतिशत बढ़ाया गया। यह शासन के खजाने का सीधे खुलेआम लूट हो रही है।

रीवा समाचार/ Rewa News: एमपीबी और पीडब्ल्यूडी की ओ एंड एम शाखा ने नए बस स्टैंड (rewa new bus stand flyover scam) के पास बनाए गए फ्लाई ओवर में विद्युतीकरण के कार्य में लाखों का काम करोड़ों में पहुंचाकर शासन को चूना लगाया है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेजों के मुताबिक निविदा में विद्युत के कार्य की लंबाई 680 मीटर निर्धारित की गई थी, जिसे 73 लाख रुपए की लागत में पूर्ण किया जाना था। उसके बाद विद्युत मंडल और पीडब्ल्यूडी के ओ एंड एम शाखा के अधिकारियों ने इस्टीमेट को बार-बार पुनरीक्षित कर 21.99 फीसदी बढ़ाते हुए अंतिम पुनरीक्षित प्राक्कलन को 5 करोड़ 2 लाख का कर दिया।

Rewa Flyover Scam: इतना ही नहीं अधिकारियों ने पुनरीक्षित प्राक्कलन में 680 मीटर के विद्युतीकरण के कार्य को 6.5 किलोमीटर भी कर दिया। नियम के मुताबिक प्राक्कलन को सिर्फ एक बार सिर्फ 10 फीसदी तक पुनरीक्षित किया जा सकता है। उसके बाद संबंधित निविदा की फाइल पुनरीक्षण के लिए मुख्यालय भेज दी जाती है, जिसके पुनरीक्षित होने के बाद संबंधित विभाग दोबारा से निविदा आमंत्रित करता है। लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से शासन द्वारा दी जाने वाली राशि का बंदर बांट करने के लिए फ्लाई ओवर में विद्युतीकरण का कार्य कर रहे संविदा कार रतन सिंह के अलावा कोई दूसरी निविदा आमंत्रित की गई। बताया गया है कि एक करोड़ रुपए से अधिक विद्युतीकरण के कार्य में एनएबीएल की रिपोर्ट लेना अनिवार्य है। लेकिन सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों ने संविदा कार से वह रिपोर्ट भी नहीं ली।

शिकायतकर्ता ने किया खुलासा

इस मामले पर शिकायतकर्ता जवाहर लाल शुक्ला ने कहा कि 680 मीटर के एस्टीमेट स्वीकृत मिली थी अधिकारियों द्वारा उसे रिवाइज करके 6.5 किलोमीटर कर दिया गया। 73 लाख की पीएसी को 5 करोड़ 22 लाख कर दिया। शिकायत कर्ता ने कहा कि अनियमित रूप से 10 परसेंट तक पुनिरीक्षण सीमा को 231 प्रतिशत बढ़ाया गया। यह शासन के खजाने का सीधे खुलेआम लूट हो रही है। शिकायतकर्ता का कहना है कि एस्टीमेट रिवाइज करते समय कोई बैंक गारंटी नहीं ली गई। अतिरिक्त परफॉर्मेंस गारंटी जो कि पाच करोड़ रुपए थी वह भी नहीं ली गई।

जवाहर लाल शुक्ला का कहना है कि इस में घोटाले में विद्युत विभाग भी संलिप्त है। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग 5 परसेंट सुपरविजन चार्ज, एनवीएल की रिपोर्ट लेता है। लेकिन ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि “मैंने सूचना के अधिकार के तहत सारे दस्तावेज निकलवाए जो प्रमाणित हैं। जो दस्तावेज नहीं दिए जा रहे उनमें लीपापोती की जा रही है। जिसकी शिकायत मैंने सीएम हेल्पलाइन में की है। दस्तावेज इसका मैप मिलने के बाद जैसे ही उपलब्ध होंगे मैं आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में इसकी शिकायत करूंगा। यदि इसमें भी राहत ना मिली तो हाई कोर्ट में अपील करूंगा।

रीवा कलेक्टर ने क्या कहा?

इस मामले पर रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि फ्लाई ओवर के कार्य में जो एग्रीमेंट हुआ है, उसके क्या पॉइंट ये अभी चेक कराने होंगे। ये जांच का विषय है। फ्लाई ओवर के निर्माण को भी थोड़ा समय हो गया है। जांच के बाद जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

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