Rewa Karyapalan Yantri TP Gurdwan Viral Video: फर्जी एएमआईई डिग्री (Fake AMIE degree) की जांच के दायरे में आए प्रभारी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 01 रीवा टीपी गुर्दवान (TP Gurdwan) का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह वरिष्ठ और जांच अधिकारियों पर लेनदेन कर मामले के रफा दफा किए जाने की बातें करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में टीपी गुर्दवान आर टी आई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी (Shivanand Dwivedi) से बात कर रहे हैं और RTI लगाने के बाद प्राप्त सर्विस बुक और फर्जी डिग्री मामले से संबंधित दस्तावेजों को बाहर न उछालने की बातें करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो कई महीनों पुराना है परंतु कमिश्नर रीवा संभाग बाबू सिंह जामोद की फाइनल जांच रिपोर्ट महीने भर पहले ही प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास विभाग मप्र शासन दीपाली रस्तोगी को भेजने के बाद अब तक कार्यवाही न होने से इस प्रकार के वायरल वीडियो की प्रासंगिकता और भी अधिक पुख्ता होती नजर आ रही है। दो व्यक्तियों के बीच में कोई तीसरा व्यक्ति भी वार्तालाप में सुनाई दे रहा है जिसे कोई ठेकेदार बताया जा रहा है।
गौरतलब है की प्रभारी कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान की फर्जी एएमआईई डिग्री (Fake AMIE degree) की जांच पूरी होकर अब कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव स्तर पर भेज दिया गया है। इसके बाबजूद भी कार्यवाही न होना कहीं न कहीं टीपी गुर्दवान की बात को सही साबित कर रहे हैं की शायद वरिष्ठ अधिकारियों और जांच अधिकारियों से गुर्दवान की वाकई सेटिंग तो नही हो गई?
इस वायरल वीडियो में जिस प्रकार प्रभारी कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान शिकायतकर्ता पर शिकायत वापस लिए जाने और आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों को दबाए जाने की बात कर रहे हैं उससे एक बात साफ है भ्रष्टाचार में संलिप्त यह अधिकारी सर से पांव तक डूबे हुए हैं और उनको भ्रष्ट सिस्टम का संरक्षण प्राप्त है। यह वायरल वीडियो पूरे सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है। आप भी देखिए इस वीडियो में कैसे ईई आरईएस टीपी गुर्दवान बेफौफ बातें करते हुए भ्रष्ट सिस्टम के मजे ले रहे हैं।
वायरल वीडियो में फर्जी एएमआईई डिग्री धारक ईई टीपी गुर्दवान द्वारा क्या क्या बातें की गईं:-
ईई टीपी गुर्दवान- सर्विस बुक वाले प्रकरण को बहुत आगे तक उछाल रहे हो।
शिवानंद द्विवेदी – नहीं ऐसा कुछ नहीं है.
ईई टीपी गुर्दवान- होना जाना कुछ नहीं है बस ये है की शिकायत ऊपर जाएगी तो अधिकारियों को माल (पैसे) चाहिए (ऊँगली से पैसे गिनने का इशारा करते हुए) तो हमारा यही (पैसे का) नुकसान होगा.
शिवानंद द्विवेदी – हाँ ऐसा कुछ नहीं.
ईई टीपी गुर्दवान- ऊपर अधिकारियों के पास कोई कागज पहुँच जाए तो उनको बस माल (पैसे) चाहिए.
एक वहीँ बैठा हुआ तीसरा आदमी कोई ठेकेदार – सभी ढूंढ रहे हैं माल (पैसा), माल किसको नहीं चाहिए बताईये? अधिकारी बिना खाए घूम दौड़ रहे हैं तो माल (पैसे) के लिए ही तो है और काहे के लिए है? हम भी चाभी लेकर माल की तलास में ही हैं।
ईई टीपी गुर्दवान – तो उसको (शिकायत को) ख़तम कर दो यहीं. एक लिखित पत्र एसई (अधीक्षण यंत्री) को लिखकर दे दो की हमने इनके (ईई टीपी गुर्दवान के) डिग्री सर्विस बुक सम्बन्धी कागज देख लिए हैं और हमको (शिवानंद द्विवेदी को) आगे इसमें कोई जाँच नहीं करवाना है. मैटर यहीं ख़तम हो जायेगा और ऊपर तक नहीं जाएगा. और अगर चाहते हो की आगे जाए तो आपकी इच्छा है.
शिवानंद द्विवेदी – चलिए देखते हैं उसको.
ईई टीपी गुर्दवान – आप लिख कर दे दोगे की हमने आरटीआई से निकलवाकर इनके (गुर्दवान के) डिग्री सर्विस बुक सम्बन्धी कागज देख लिया है और हमको आगे इनकी कोई जाँच नहीं करवानी है. चार लाइन लिखना है. अगर (लिखकर) दे दोगे तो मैटर यहीं पर ख़तम हो जाएगा. नहीं तो आगे तक जायेगा. अब 40 साल से लड़ रहे हैं नौकरी में तो छः महीने और लड़ लेंगे.
यदि देखा जाय तो आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी को कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान की फर्जी डिग्री संबंधी शिकायत प्रमाणित अभिलेखों के साथ किए हुए एक वर्ष के ऊपर का समय हो गया है लेकिन अभी भी मात्र जांच पर जांच और अभिमत के नाम पर फाइल को इधर से उधर घुमाया गया है। अब जाकर कमिश्नर रीवा संभाग के द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल को भेजा गया है।