इनसे भी है रीवा की पहचान, देश-विदेश में दिला रहे नाम

रीवा। विंध्य क्षेत्र प्रकृति-सौन्दर्यता से न सिर्फ लवरेज है बल्कि यहां का सफेद बाध, सुपौरी का खिलौना, सुंदरजा आम, बगला पान ने देश ही नही विदेशों में भी रीवा को पहचान दिलाया है। रीवा में 5 बड़े वॉटर फॉल और घिनौची धाम यहां की जलीय सुंदरता को बनाए हुए है तो बाणसागर डैम ने विंध्य में तरक्की के रास्ते खोल दिए है।
सफेद बाघ
दुनिया भर में आज सफेद बाघ मौजूद है, लेकिन इनकी उत्पत्ति रीवा राज्य से हुई थी। सफेद बाघ के चलते दुनिया भर में रीवा की पहचान होती है। इतिहास के पन्नों मे दर्ज सफेद बाध के बारे मे बताया जाता है कि सफेद बाघ का शावक सीधी जिले में कुसमी के जंगल में देखा गया था। रीवा के तत्कालीन महाराज रहे मार्तण्ड सिह जू देव को जब इस बात की जानकारी लगी तो वे सफेद बाघ के शावक को रीवा लेकर आए। उन्होने गोविंदगढ़ में इसका लालन-पालन राजसी ठाठ-बाट से करवाया। उससे उत्पन्न हुए सफेद शावकों को उन्होने बाद गिफ्ट किए थें। जिससे सफेद बाधों की सख्या देश-विदेश में बढ़ी। रीवा विधायक एवं प्रदेश सरकार के मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के भागीरथी प्रयास से एक बार फिर विंध्य की इस धरती पर व्हाइट टाइगर सफारी बनाई गई और अब गोविंदगढ़ में बाधों का प्रजनन केन्द्र बनाया जा रहा है। जिससे यहां बाधों की संख्या बढ़ाई जा सकें।
सुपारी का खिलौना
सुपारी से खिलौने बनाने की कला रीवा से सामने आई थी। कुंदेर परिवार के लोगो ने आजादी से पहले सुपारी से खिलौने एवं गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा तैयारी किए। अदभुद्र सुंदर ये प्रतिमाएं आज देश-विदेश में मौजूद है। सुपारी से बनने वाली ये प्रतिमाएं राजनेता, बॉलीबुड समेत विदेशियों को आज भी गिफ्ट में दिया जाता है और उनके शोरूम की यें शोभा बढ़ाती है। सुपारी के खिलौनों ने दुनिया भर के लोगो को अपनी ओर आकर्षित किया तो ये रीवा की पहचान बनाए हुए है।
बगला पान
रीवा के महसांव में तैयार होने वाला बगला पान अपने अनेक खूबियों से भरा हुआ हैं। विशेषज्ञ बताते है कि बगला पान मे मौजूद औषधी गुण लोगो के मुंह की बीमारियों का ईलाज करते है और शरीर मे हीमोग्लोबिन बढ़ाते है। इस बगला पान की डिमांड देश ही नही पाकिस्तान समेत कई देशों में है और यह रीवा का पान विदेशों तक पहुचा हुआ हैं। बगला पान दुनिया भर में रीवा को पहचान दिला रहा है।
सुदरजा आम
अपने मिठास के लिए पहचान बनाए हुए सुंदरजा आम की डिमांड देश के महानगरों समेत विदेशों में भी है। रीवा जिले के गोविंदगढ़ की बगिया में सुंदरजा आम तैयार होता है। देखने में यह आम काफी सुंदर होता है और इसमें गजब का स्वाद है। जिसके चलते इस आम को सरकार स्तर से भी सुरक्षित ओर संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। एमपी सरकार ने इस आम को जीआई टैग भी दिया है।

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