मौसम और कोहरे से रेल यातायात प्रभावित, रीवा-दिल्ली आंनद बिहार ट्रेन 7 घंटे लेट

Train approaching railway track in dense fog affecting rail traffic in North India

रीवा। रीवा में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण सुबह और रात में दृश्यता बहुत कम हो गई है, जिससे यातायात प्रभावित है और हादसों का खतरा बढ़ गया है। वाहन चालकों को धीमी गति और हेडलाइट जलाकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, और अगले कुछ दिनों तक ठंड और कोहरे से राहत की उम्मीद नहीं है, न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री तक पहुच गया। मौसम के इस मिजाज से रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है।

रीवा-दिल्ली आंनद बिहार ट्रेन 7 घंटे लेट

मौसम की मार रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है। जो जानकारी आ रही है उसके तहत दिल्ली से रीवा के बीच चलने वाली आनंद विहार एक्सप्रेस तकरीबन सात घंटे की देरी से रीवा पहुच रही है, हांलाकि ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने पर यात्री राहत की सांस ली, लेकिन लंबी यात्रा और देरी के कारण कई यात्री थकान और ठंड से परेशान हो रहे है। यात्रियों का कहना है कि रास्ते में ट्रेन कई बार खड़ी रही। कुछ स्टेशनों पर घंटों तक इंतजार करना पड़ा, जिससे बुजुर्गों, बच्चों और महिला यात्रियों को समस्या आ रही है। तो वही ट्रेन देरी से चलने के कारण आगे की यात्रा भी उनकी प्रभावित हो रही है। देरी के कारण उन्हें वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी मौसम की मार ऐसे पड़ ऐसे में उत्तर भारत से मध्य प्रदेश की ओर आने वाली ट्रेनों पर आगे भी असर पड़ सकता है।

मौसम की स्थिति

  • घना कोहरा- सुबह और रात में घना कोहरा छा रहा है, जिससे विजिबिलिटी (दृश्यता) बहुत कम (लगभग 100 मीटर तक) हो गई है।
  • तापमान में गिरावट- न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, जो 7-8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे अत्यधिक ठंड महसूस हो रही है।
  • सर्दी और हवा- उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाएं ठंड को और बढ़ा रही हैं, जिससे दिन में भी ठिठुरन बनी रहती है।
  • चालकों को सलाह- वाहन चालकों को हेडलाइट जलाने, धीमी गति से चलाने और सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

पूर्वानुमान- मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके तहत अगले एक सप्ताह तक ठंड से राहत के आसार नहीं हैं, और 26-27 दिसंबर को ठंड अपने चरम पर हो सकती है. फिलहाल बारिश की उम्मीद नहीं है, लेकिन ठंड और कोहरे का असर जारी रहेगा, जिससे फसलों को पाले से बचाने के लिए किसानों को यूरिया छिड़कने की सलाह दी गई है।

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