रीवा। जिले के त्यौथर की अदालत ने पास्कों एक्ट मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कृष्णा तिवारी उर्फ फलहारी बाबा को 20 साल की सजा मुकर्रर कर दिया है। अदालत ने दोनों पक्षों के गवाहों को सुनने के बाद साक्ष्य के आधार पर नाबालिग को बहलाकर फुसलाकर अपहरण और दुर्ष्कम मामले में दोषी पाया है। जिस पर अदालत ने सजा के साथ अर्थदंड से भी दंडित किया है। यह फैसला अपराध की गंभीरता और समाज पर इसके प्रभाव को देखते हुए लिया गया है।
यह है मामला
अपहरण, दुर्ष्कम का यह मामला 31 दिसंबर 2022 का है। जानकारी के तहत जिले के तराई अंचल की एक किशोरी स्कूल जाने के लिए निकली और वह लापता हो गई थी। जांच में फलहारी बाबा का नाम सामने आया। किशोरी के लापता होने के बाद, परिजनों ने थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया था. पुलिस ने पीड़िता को सूरत शहर से बरामद कर लिया. पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि आरोपी कृष्णा तिवारी उसे झांसा देकर रीवा से प्रयागराज ले गया था. वहां से वह उसे सूरत ले गया, जहां एक होटल में उसके साथ गलत काम करता रहा. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी कृष्णा तिवारी को गिरफ्तार किया और जांच पूरी करने के बाद उसका चालान न्यायालय में पेश किया।
पिता को दिया था गुरूमंत्र
जानकारी के तहत कृष्णा तिवारी उर्फ फलहारी महाराज मूलतः बिहार के कैमोर जिले के सोहन थाना अंतर्गत हथियाबांध का रहने वाला है। जांच में यह सामने आया कि आरोपी का पीड़िता के पिता के साथ पुराना संबंध था. उसने पीड़िता के पिता को गुरुमंत्र दिया था और उनके घर उसका आना-जाना था, जिसके कारण परिवार का उस पर भरोसा था. आरोपी ने इसी भरोसे का फायदा उठा कर किशोरी को ले गया।