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नरवाई जलाने वालों पर रीवा कलेक्टर सख्त, दिया ऐसा आदेश, चना,मसूर, सरसों का पंजीयन 21 तक

rewa collater narvi

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रीवा। जिले में कृषकों तथा पशुपालकों को भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा गर्मियों में होने वाली आग की दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं। यह आदेश सम्पूर्ण रीवा जिले में 17 मार्च से लागू हो गया है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किए गए हैं।

जुर्माना तय

प्रतिबंध का उल्लंघन करके नरवाई जलाने पर दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 2500 रुपए, दो से पाँच एकड़ तक के किसानों पर 5000 रुपए तथा पाँच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों पर 15000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत प्रकरण दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। वर्तमान परिस्थितियों में आदेश की व्यक्तिश तामीली संभव नहीं है इसलिए भारतीय नागरिक संहिता की 2023 धारा 163 (2) के तहत आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जा रहा है। विभिन्न संचार माध्यमों से इसकी सूचना आमजनता को दी जा रही है।

हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य

जारी आदेश के अनुसार रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों को आग के हवाले करने वाले किसानों के खिलाफ अब कठोर कार्यवाही की जाएगी। हार्वेस्टर के माध्यम से गेंहू की कटाई करने पर उसमें स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिन हार्वेस्टरों में अवशेष प्रबंधन सिस्टम नही होगा , उन्हें गेंहू काटने की अनुमति नही दी जायेगी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। जिले में चलने वाले कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिला परिवहन अधिकारी इसकी निगरानी करें। इसका उल्लंघन करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही करें।

इस तरह को होता है नुकसान

खेत में नरवाई जलाने से मिट्टी के कई लाभदायक सूक्ष्मजीव एवं जैविक कार्बन जलकर नष्ट हो जाते हैं। जिसके कारण मिट्टी कठोर हो जाती है। इसकी जल धारण क्षमता घट जाती है। इसलिए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नरवाई जलाने के स्थान पर इसको स्ट्रारीपर से भूसा बनाकर पशुओं के भोजन के रूप में उपयोग करें। किसान यदि गेंहू के बाद अन्य कोई फसल लेना चाहता है तो हैप्पी सीडर और सुपर सीडर से फसल की बोनी करे। इससे नरवाई मिट्टी में मिलकर खाद के रूप में फसल के लिए पोषण का कार्य करेगी। नरवाई को बेलर, रैकर एवं चापर मशीन की सहायता से बंडल बनाकर औद्योगिक ईधन के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।

चना, मसूर एवं सरसों फसलों का पंजीयन 21 मार्च तक

रीवा जिले में चना और सरसों के बोये गए क्षेत्र में लगातार वृद्धि हो रही है। शासन द्वारा किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य देने के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य पर चना , मसूर और सरसों का उपार्जन किया जाएगा। इसके लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। शासन द्वारा पंजीयन की अंतिम तिथि में वृद्धि की गई है। अब रबी विपणन वर्ष 2025-26 में ई-उपार्जन पोर्टल पर चना, मसूर एवं सरसों फसलों का पंजीयन 21 मार्च तक किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा है कि जिले के सभी निर्धारित खरीदी केन्द्रों में 21 मार्च तक चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

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