रीवा कलेक्टर ने जारी किया सख्त आदेश, लगेगा ₹15000 का जुर्माना

Rewa Collector Pratibha Pal News

Rewa Collector Pratibha Pal News | रीवा के किसान भाइयों के लिए बड़ी खबर है। आपको बता दें की रीवा जिले में कृषकों तथा पशुपालकों को भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा गर्मियों में होने वाली आग की दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी प्रतिभा पाल द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए जा चुके हैं। यह आदेश सम्पूर्ण रीवा जिले में 17 मार्च से लागू है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किए गए हैं। प्रतिबंध का उल्लंघन करके नरवाई जलाने पर दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 2500 रुपए, दो से पाँच एकड़ तक के किसानों पर 5000 रुपए तथा पाँच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों पर 15000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

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साथ ही भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत प्रकरण दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। आदेश की व्यक्तिश: तामीली संभव नहीं होने के कारण इसे भारतीय नागरिक संहिता की 2023 धारा 163 (2) के तहत आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। विभिन्न संचार माध्यमों से इसकी सूचना आमजनता को दी गई है।

       जारी आदेश के अनुसार रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों को आग के हवाले करने वाले किसानों के खिलाफ अब कठोर कार्यवाही की जाएगी। हार्वेस्टर के माध्यम से गेंहू की कटाई करने पर उसमें स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिन हार्वेस्टरों में अवशेष प्रबंधन सिस्टम नही होगा, उन्हें गेंहू काटने की अनुमति नही दी जायेगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। जिले में चलने वाले कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिला परिवहन अधिकारी इसकी निगरानी करें।

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इसका उल्लंघन करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही करें। खेत में नरवाई जलाने से मिट्टी के कई लाभदायक सूक्ष्मजीव एवं जैविक कार्बन जलकर नष्ट हो जाते हैं। जिसके कारण मिट्टी कठोर हो जाती है। इसकी जल धारण क्षमता घट जाती है। इसलिए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नरवाई जलाने के स्थान पर इसको स्ट्रारीपर से भूसा बनाकर पशुओं के भोजन के रूप में उपयोग करें। किसान यदि गेंहू के बाद अन्य कोई फसल लेना चाहता है तो हैप्पी सीडर और सुपर सीडर से फसल की बोनी करे। इससे नरवाई मिट्टी में मिलकर खाद के रूप में फसल के लिए पोषण का कार्य करेगी। नरवाई को बेलर, रैकर एवं चापर मशीन की सहायता से बंडल बनाकर औद्योगिक ईधन के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।

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