Amrit Sarovar scheme failed in Rewa: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘अमृत सरोवर’ योजना रीवा जिले में सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। जल संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत करीब $4 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए गए 16 अमृत सरोवर भारी बारिश के बावजूद पूरी तरह सूखे पड़े हैं। यह विफलता तब सामने आई जब अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें भी डूब गईं, लेकिन इन तालाबों में पानी नहीं रुका।
करोड़ों की बर्बादी और घटिया निर्माण
योजना का उद्देश्य भूजल स्तर को बढ़ाना था, लेकिन रीवा में यह केवल सरकारी पैसे की बर्बादी बनकर रह गई। जाँच में पता चला है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ। सरोवर के डिजाइन में त्रुटियाँ थीं और तकनीकी मानकों को दरकिनार किया गया, जिससे बारिश का सारा पानी तुरंत रिस गया या बह गया। कई सरोवर तो केवल कागज़ों पर ही पूरे दिखाए गए हैं।
स्थानीय लोगों ने लगाया बड़ा घोटाला का आरोप
स्थानीय जनता ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का खुला भ्रष्टाचार हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब जिले में इतनी बारिश हुई कि खेत डूब गए, तब भी इन तालाबों का सूखा रहना साबित करता है कि यह सिर्फ खराब काम नहीं, बल्कि करोड़ों का घोटाला है।
सूखे सरोवरों के जीर्णोद्धार पर फिर खर्च की तैयारी
इस शर्मनाक विफलता के बाद प्रशासन अब इन्हीं सूखे पड़े सरोवरों के जीर्णोद्धार के लिए फिर से करोड़ों रुपये का नया बजट स्वीकृत करने की तैयारी कर रहा है। जनता ने इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए मांग की है कि पहले पुरानी अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच हो और दोषी अधिकारियों-ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक नया बजट जारी नहीं किया जाना चाहिए।
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