रीवा की एक महिला डॉक्टर से रेप का मामला इस समय ख़बरों में है.महिला की उम्र 38 साल की है.मंगलवार को थाने में उसने शिकायत दर्ज करवाई।जिस व्यक्ति पर आरोप लगा है वो गुजरात के कच्छ में सरकारी टीचर है.आइये पहले मामला समझते हैं.महिला के मुताबिक वो दूसरी शादी के लिए साथी की तलाश कर रही थी और इसके लिए उसने मेट्रीमोनियल साइट पर रजिस्ट्रेशन किया।यहाँ उसकी मुलाकात गुजरात के देवशी सुंदरवा से हुई.बातचीत आगे बढ़ी तो आदमी ने महिला को मिलने के लिए गुजरात बुलाया लेकिन महिला के पिता की तबियत ख़राब थी इसलिए वो गयी नहीं।इसके बाद वो खुद जनवरी में महिला से मिलने आया.महिला ने उसे पहले से ही बता रखा था कि उसके घर पर कोई नहीं है.दोनों घर गए.आदमी ने रात में उसे मिठाई में नशे की दवा मिला कर खिला दी और अश्लील वीडियो बनाये।अगले दिन जब महिला ने उसे वापस जाने को कहा तो आदमी वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा.इसके बाद 25 दिनों तक जब तक जब तक महिला के माँ बाप वापस नहीं आगये वो घर पर ही रहा.इस दौरान उसने महिला के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये और जाते वक्त वो महिला का एक फ़ोन भी साथ ले गय.वो लगातार महिला पर गुजरात आने का दबाव बनाता रहा, जब महिला ने बात नहीं मानी तो 24 अप्रैल को उसने महिला के मोबाइल पर सेव रिश्तेदारों को ये अश्लील वीडियोस भेज दिए.इसी दिन महिला ने आरोपी पर केस दर्ज कराया लेकिन वो रुका नहीं 2 मई को उसने घर पर खड़ी कार जला दी और 19 मई को महिला के घर में खड़ी स्कूटी को आग लगा दी.रीवा एसपी ने कहा कि पीड़िता की शिकायत पर व्यक्ति के ऊपर रेप का केस दर्ज किया गया है और जल्द ही उसकी गिरफ़्तारी होगी।इसके आलावा गाड़ियां जलाने के कारण आरोपी पर अलग से केस दर्ज किया गया है.
इन सब में आपने एक बात नोटिस की हो या नहीं। नहीं की तो ध्यान आकर्षित करवाना चाहूंगी।मेट्रीमोनियल साइट।जी हाँ,.मामले में दोनों पक्षों के मिलने से लेकर आरोप के घटित होने तक मॅट्रिमोनी की अहम सहभागिता थी.कह सकते हैं यहीं से सबकुछ शुरू हुआ.मॅट्रिमोनी का नाम तो आप सबने सुना ही होगा।टीवी एड्स,सोशल मीडिआ या शादी के उम्रके होंगे तो रिश्तेदारों या यूँ कहें कि थोड़े आधुनिक विचारों वाले रिश्तेदारों के मुँह से और अगर नहीं सुना तो बता दें कि ये साइट्स शादी के लिए होती हैं जहाँ रजिस्ट्रेशन करके आप शादी के लिए एलिजिबल पार्टनर की तलाश कर सकते हैं.ये कुछ मायनों में डेटिंग एप्प्स की तरह हैं.लेकिन क्योंकि इसमें शादी का फैक्टर आ जाता है तो इसे थोड़ा सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और टीवी में Advertisement के वक्त घर के लोग ज्यादा असहज नहीं होते।भारत में विवाह के साथ जुडी पवित्रता सब कुछ साफ़ कर देती है!और इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि कई लोगों के घर भी इन्ही साइट्स के जरिये बसे हैं.लेकिन इस ऑनलाइन जगत में इंटरनेट वाला ये प्यार कई लोगों को महँगा पड़ रहा.
आज हम बात करेंगे मैट्रिमोनियल फ्रॉड्स की. साइबर लॉ सोल्युशन के मुताबिक मैट्रिमोनियल फ्रॉड्स इस तरीके के फ्रॉड हैं जो शादी की पृष्ठभूमि पर कमिट किये जाते हैं.और इसमें महिलाएं ज्यादातर शिकार बनती हैं.दो तरह के क्राइम्स के बारे में यहाँ बताया गया है.पहला के सेक्सुअल एब्यूज और दूसरा इकनोमिक एब्यूज।ये फ्रॉड हमेशा से होते रहे हैं लेकिन जबसे ये मैट्रिमोनियल वेबसाइट चलन में आयी हैं इसमें तेज़ी आयी है.इसे कहते हैं ऑनलाइन मेट्रीमोनियल फ्रॉड।
साल 2023 में अहमदाबाद पुलिस की महिला पुलिस विंग, होटल मैनेजमेंट के कुछ स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम पर अवेयर कर रही थीं.इसमें एसीपी हिमाला जोशी ने बताया कि अपराधी बड़े घर की लड़कियों को टारगेट करते हैं.वो टारगेट के हिसाब से अपनी फेक प्रोफाइल बनाते हैं.अपनी बातों से महिला को फंसाते हैं और जैसे ही महिला का कॉन्फिडेंस गेन होता है वो अपना गेम शुरू कर देते हैं और इस तरह के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.साल 2022 में गुजरात के क्राइम साइबर सेल विभाग ने इस तरह की 200 प्रोफाइल्स को चिन्हित किया था.साल 2023 में पुणे की एक 35 साल की महिला मैट्रिमोनियल साइट के जरिये एक आदमी से मिली।आदमी ने खुद को NRI के रूप में पेश किया।दोनों के बीच बातचीत हुई और जैसे ही महिला का कॉन्फिडेंस गेन हुआ आदमी ने शादी की बात सामने रखी.महिला मान गयी.व्यक्ति ने महिला को पार्सल भेजा जिसमे महिला को लगभग 35 हज़ार के करीब पेमेंट करनी थी,पेमेंट हो भी गयी लेकिन पेमेंट के बाद कस्टम ऑफिसर का फ़ोन आया जिसने महिला से कहा कि पार्सल में बहुत सारा कैश है और पुलिस इन्क्वायरी से बचना है तो आपको पैसे देने होंगे।महिला डर गयी और 5 दिनों में उससे लगभग 30 लाख रूपए तक लूट लिए गए.और ताज्जुब की बात है कि ये महिला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी मुंबई पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया था की ये क्रिमिनल्स ज्यादातर उम्र में ज्यादा और शादी के लिए डेस्परेट लोगों को टारगेट करते हैं
एसीपी हिमाला जोशी ने कहा था कि क्रिमिनल्स विक्टिम को दो तरीकों से ट्रैप में फांसते हैं पहला है डर और दूसरा शर्म।आप अगर ऊपर के दोनों मामलों को देखेंगे तो इस बात की पुष्टि साफ़ होती दिखेगी।ज्यादातर मामलों में महिलाएं डर जाती हैं.और इसी बात का फायदा ये अपराधी उठाते हैं.शुरू से अंत तक ऐसे कई रेड फ्लैग्स दिख जाते हैं और मान के चलिए अगर आपने उन्हें नज़रअंदाज़ भी किया तो बाद में डरने का कोई तुक नहीं बनता है क्योंकि इससे मात्र नुकसान होता ही चला जाता है.ऐसे मामलों में बिना देरी किये तुरंत पुलिस की मदद लेनी चाहिए।इसके लिए कुछ जरुरी कानून की बात कर लेते हैं.मैट्रिमोनियल फ्रॉड IPC की धारा 415, 416, 417, और 419. के तहत डील किये जाते हैं और ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में आईटी एक्ट भी इस्तेमाल में लाया जाता है.इन सब के इतर अगर मामला रेप जैसे HEINOUS CRIME तक पहुँचता है तो उसकी अलग सजा होती है.