WFI: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की नई बॉडी को ससपेंड क्यों किया गया?

WFI Suspended: भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार, 24 दिसंबर 2023 को बड़ा फैसला लिया है. जिसमें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई बॉडी को ससपेंड कर दिया गया है. दरअसल, 21 दिसंबर 2023 को WFI के एलेक्शंस हुए थे. जिसमें भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के करीबी संजय सिंह नए प्रेसिडेंट के रूप में चुने गए थे. संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का फैसला लिया था. वहीं, बजरंग पुनिया और गूंगा पहलवान (Birendra Singh) ने भी साक्षी का साथ देते हुए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटने का ऐलान किया था. यहां तक की बजरंग पुनिया (Bajrang Puniya) ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर अपना पुरस्कार और एक खत रखकर छोड़ दिया था. हालांकि, इसे पुलिस ने बाद में हटा दिया था. बता दें कि ये विवाद 11 महीनों से चला आ रहा है.

दरअसल, संजय सिंह की जीत के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने का ऐलान किया था. बता दें कि गोंडा भाजपा सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है. बात करें अगर WFI की नई टीम पर चल रहे कार्रवाई के पीछे के वजह की तो बता दें कि रेसलर्स ने बृजभूषण पर सेक्सुअल हर्रास्मेंट का आरोप लगाया था. जिसके कारण खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्यवाई शुरू की.

Also Read:https://shabdsanchi.com/sanjay-singh-sports-ministry-canceled-wrestling-association-elections/

साक्षी मालिक की माँ ने खुश जाहिर की

बता दें कि खेल मंत्रालय के इस निर्णय पर साक्षी मलिक की मां कृष्णा मलिक ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि

मेरी बेटी कुश्ती से संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री के घर के बाहर फुटपाथ पर पद्मश्री रखकर आए पहलवान बजरंग पुनिया ने भी सम्मान वापस लेने की बात कही है।

संजय सिंह ने आश्चर्य जताया

खेल मंत्रालय द्वारा लिए गए एक्शन पर संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, “खेल मंत्रालय ने जो भी निर्णय लिया है। मैं इसका स्वागत करता हूं। मगर मैं इस फैसले से आश्चर्य चकित हूं। मैं खेल मंत्रालय से इस बारे में पूछूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि, “मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैं गोंडा जिले के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया था, ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल न बर्बाद हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में हो जाएं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *