8th Pay Commission Kab Se Lagega: मोदी सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी। सात महीने बीत जाने के बावजूद इसके सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि इस वेतन आयोग को लागू होने में कितना समय लगेगा?
केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की नजर इस समय 8वें वेतन आयोग के फैसले पर टिकी है। जनवरी 2025 में इसकी घोषणा को सात महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक टर्म ऑफ रिफरेंस (ToR) को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। न तो चेयरमैन की नियुक्ति हुई है और न ही आयोग के सदस्यों का चयन हुआ है।
इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स में बेचैनी बढ़ रही है। कर्मचारी यूनियन बार-बार सरकार से पूछ रही हैं कि वेतन संशोधन कब से लागू होगा। पिछले अनुभव बताते हैं कि वेतन आयोग की प्रक्रिया पूरी होने में कई साल लग सकते हैं।
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ऐसे में सवाल उठता है कि 8वां वेतन आयोग कब तक लागू होगा? क्या यह 2027-28 से पहले संभव होगा, या कर्मचारियों को और इंतजार करना पड़ेगा? आइए, इसकी वर्तमान स्थिति और संभावनाओं पर नजर डालते हैं।
8th Pay Commission Kab Se Lagega | कब तक संभव?
यदि 8वां वेतन आयोग 7वें वेतन आयोग की समयरेखा का पालन करता है, तो नया वेतनमान 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक लागू हो सकता है। हालांकि, बढ़ती महंगाई के बीच कर्मचारी और पेंशनर्स जल्द वेतन संशोधन की मांग कर रहे हैं। यूनियन सरकार से स्पष्ट समयरेखा की मांग कर रही हैं।
7वें वेतन आयोग की समयरेखा
7वें वेतन आयोग के गठन से लेकर सिफारिशों के लागू होने तक की प्रक्रिया को समझने से 8वें आयोग की समयसीमा का अनुमान लगाया जा सकता है। इसमें कुल मिलाकर लगभग तीन साल लगे.
- आयोग की घोषणा: 25 सितंबर 2013 को यूपीए सरकार ने 7वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की।
- ToR अधिसूचना: 28 फरवरी 2014 को वित्त मंत्रालय ने संदर्भ की शर्तें (Terms Of Reference) अधिसूचित कीं।
- सदस्यों की नियुक्ति: 4 मार्च 2014 को आयोग के अध्यक्ष (न्यायमूर्ति ए.के. माथुर) और अन्य सदस्यों की नियुक्ति हुई।
- रिपोर्ट प्रस्तुत करना: 19 नवंबर 2015 को आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी।
- सिफारिशों का कार्यान्वयन: 29 जून 2016 को सरकार ने सिफारिशों को स्वीकार कर 1 जनवरी 2016 से लागू किया।
इस प्रकार, घोषणा से लेकर कार्यान्वयन तक 7वें वेतन आयोग को लगभग 2 साल 9 महीने लगे।
8वें वेतन आयोग की प्रगति
16 जनवरी 2025 को केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की। राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार परिषद (एनसी-जेसीएम) ने कैबिनेट सचिव को कर्मचारियों की मांगों वाला एक मसौदा प्रस्ताव सौंपा।
एनसी-जेसीएम सरकार और कर्मचारियों के बीच संवाद का महत्वपूर्ण मंच है। हालांकि, इसके बाद से प्रगति धीमी रही है। ToR को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, और न ही आयोग के सदस्यों की नियुक्ति हुई है।
7वें वेतन आयोग की समयरेखा के आधार पर, यदि सरकार अगस्त 2025 में 8वें आयोग को औपचारिक रूप से अधिसूचित करती है, तो सिफारिशें जनवरी 2028 तक लागू हो सकती हैं।
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हालांकि, सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होंगी। यह समयरेखा पिछले रुझानों पर आधारित है, और सरकार प्रक्रिया को तेज भी कर सकती है।
कर्मचारियों की चिंताएं और मांगें
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के कारण वेतन संशोधन में देरी उनके लिए नुकसानदायक है।
वे मांग कर रहे हैं कि सरकार प्रक्रिया को तेज करे, ToR को जल्द अंतिम रूप दे, और नया वेतनमान 1 जनवरी 2026 से लागू करे। कर्मचारी संगठन यह भी चाहते हैं कि आयोग उनकी मांगों, जैसे महंगाई भत्ता और पेंशन सुधार, पर विशेष ध्यान दे।