Remedies for Depression: आज के इस दौर में महिलाओं की जिंदगी कई प्रकार की जिम्मेदारी से घिरी हुई है। एक समय था जब महिलाएं केवल घर की जिम्मेदारी संभालती थी परंतु अब महिलाएं घर परिवार, करियर, बच्चों की जिम्मेदारी सब कुछ संभाल रही हैं। ऐसे में महिलाओं पर मानसिक असर भी सबसे ज्यादा हो रहा है। आजकल महिलाएं ज्यादा डिप्रेशन और एंजायटी से घिरी हुई देखी जा रही है। जी हां, वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की माने तो डिप्रेशन और एंजायटी का सबसे बड़ा शिकार महिलाएं ही होती है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको इसी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी लक्षण और रेमेडी बताने वाले हैं।

आइये सबसे पहले जानते हैं डिप्रेशन और एंजाइटी के कारण क्या होते हैं?
महिलाओं में डिप्रेशन और एंजाइटी के पीछे कई कारण होते हैं जैसे कि-
- हार्मोनल बदलाव
- परिवार और समाज की जिम्मेदारियां
- कामकाज का बोझ
- व्यक्तिगत समस्याएं
- आर्थिक समस्याएं
- आनुवांशिक कारण
- आधुनिक जीवन शैली
- नींद की कमी
- व्यायाम का अभाव
- स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना
डिप्रेशन और एंजाइटी के लक्षण क्या है?
आमतौर पर डिप्रेशन और एंजाइटी के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं जिन्हें पहचान बहुत जरूरी है यह इस प्रकार हो सकते हैं
- लंबे समय से उदासी निराशा महसूस होना
- किसी भी बात पर अचानक से गुस्सा आ जाना
- अचानक से फूट-फूट कर रोने का मन करना
- ऊर्जा की कमी महसूस होना
- रात को नींद ना आना या ज्यादा सोना
- अच्छी नींद होने के बावजूद भी थकान महसूस होना
- अचानक से सिर दर्द होना
- लोगों से बातचीत करने से कतराना
- बार-बार नकारात्मक विचार या आत्महत्या के ख्याल आना
- बात करते समय हाथ पैरों का कांपना
- घबराहट का महसूस होना
- आंखों के आगे अंधेरा छा जाना इत्यादि
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डिप्रेशन और एंजायटी से निपटने के घरेलू उपाय
संतुलित आहार: डिप्रेशन और एंजायटी से निपटने के लिए हरी सब्जियां, फल, अखरोट, बादाम, मिक्सड सीड्स, प्रोटीन युक्त भोजन निश्चित रूप से खाएं।
नियमित रूप से व्यायाम करना: डिप्रेशन और एंजायटी से बचने के लिए रोजाना वॉक करना, दौड़ना, रस्सी कूदना, साइकिल चलाना काफी फायदेमंद सिद्ध होता है।
अरोमा थेरेपी: अपने कमरे में लैवेंडर, रोजमेरी जैसे एसेंशियल ऑयल का दिया जलाएं। संभव हो सके तो इसकी मालिश अपने हाथ, पैरों के तलवे और सर पर करें।
हर्बल चाय: रोजाना कैमोमाइल, तुलसी की चाय इत्यादि का सेवन करें।
जड़ी बूटियों का सेवन: संभव हो सके तो अपने खाद्य पदार्थों में अश्वगंधा, ब्राह्मी, गिलोय, दालचीनी जैसी जड़ी बूटियां का उपयोग बढ़ा दें।
अच्छी नींद लेना: रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद निश्चित रूप से ले।
डायरी लेखन: रोजाना अपने विचारों अपनी भावनाओं को लिखना शुरू करें ऐसा करने से मन हल्का होने लगता है।
काउंसलिंग: यदि स्थिति हाथ से निकलती हुई प्रतीत हो रही है तो जल्द से जल्द काउंसलिंग की व्यवस्था करें।