एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि कम बारिश के कारण कई राज्यों में फसलों को नुकसान हुआ है। हरी सब्जियों की कीमतों पर असर पड़ा
सब्जियों के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं। पिछले महीने तक 30 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इसके अलावा कई सब्जियों के दाम (VEGETABLE RATE) भी आसमान छू रहे है। जिनमें- आलू, प्याज, मिर्च, बैगन आदि शामिल हैं। व्यापारियों का कहना है कि बारिश के कारण कई जगहों पर फसलों को नुकसान हुआ है। इस वजह से कीमतें बढ़ी हैं। यही स्थिति सिर्फ स्थानीय दुकानों या सब्जी ठेलों पर ही नहीं, बल्कि थोक सब्जी बाजार में भी है।
टमाटर की फसल को नुकसान हुआ
सब्जियों के दाम बढ़ने का मुख्य कारण कम बारिश को माना जा रहा है। सब्जी मंडी सब्जी व्यापारी एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि कम बारिश के कारण कई राज्यों में फसलों को नुकसान हुआ है। हरी सब्जियों की कीमतों पर असर पड़ा है। वर्तमान में, दिल्ली एनसीआर में टमाटर की आपूर्ति हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और बेंगलुरु से की जाती है। हालांकि वर्तमान में दक्षिण भारत में टमाटर की अधिक मांग के कारण बेंगलुरु से टमाटर नहीं आ रहे हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश में कम बारिश से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है। इसका असर बाजार पर पड़ा। थोक बाजार में ही यह 30-40 रुपये प्रति किलो बिकता है। यह खुदरा में 70 और 80 रुपये प्रति किलो बिकता है।
प्याज निश्चित तौर पर महंगा होगा
देश का सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार महाराष्ट्र में नासिक के पास लासलगांव में स्थित है। फिलहाल प्याज की कीमतें दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले हफ्ते अच्छी क्वालिटी का प्याज 49.00 रुपये प्रति क्विंटल पर नीलाम हुआ था। एक बार जब यह दिल्ली पहुंचता है, तो प्राप्त माल की लागत लगभग 600-800 रुपये प्रति क्विंटल होती है। ऐसे में दिल्ली में प्याज निश्चित तौर पर महंगा होगा। वहीं मध्य प्रदेश में मौसम की मार से प्याज की फसल खराब हो रही है। जिसके कारण प्याज की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं।