ईरान के जामकरन मस्जिद पर फहराया बदले का लाल झंडा, जाने क्या है इसका मतलब

Red Flag In Iran’s Jamkaran Mosque: ईरान और इजराइल के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है, जहां दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाइयों ने क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल दिया है। ईरान की मशहूर जामकरन मस्जिद सहित कई मस्जिदों पर लाल झंडे फहराए गए हैं, जो शिया परंपरा में बदला और न्याय का प्रतीक माने जाते हैं। यह कदम इजराइल के हालिया हवाई हमलों के जवाब में उठाया गया, जिसमें तेहरान, इस्फहान और फोर्डोव जैसे शहरों में ईरान की परमाणु और सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया गया। इन हमलों में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख हुसैन सलामी सहित कई लोगों के मारे जाने की खबर है, साथ ही कई नागरिक हताहत भी हुए हैं।

ईरान का गुस्सा और ऑपरेशन “ट्रू प्रॉमिस थ्री”

इजराइल के हमलों के जवाब में ईरान ने तेल अवीव पर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसे “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री” नाम दिया गया। हालांकि इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन फिर भी नुकसान की खबरें सामने आई हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इजराइल को इसका “कठोर जवाब” मिलेगा। ईरान की जनता में भी गुस्सा साफ दिख रहा है, जहां सड़कों पर भीड़ इजराइल के खिलाफ नारे लगा रही है। खामनेई ने 15 जून को ओमान में होने वाली अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को भी रद्द कर दिया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।

मस्जिद में लाल झंडा फहराने का मतलब

जामकरन मस्जिद ईरान के क़ोम शहर में स्थित एक महत्वपूर्ण शिया धार्मिक स्थल है, जो बारहवें इमाम महदी से जुड़ी है। शिया विश्वास में यह माना जाता है कि इमाम महदी, जो छिपे हुए हैं, एक दिन लौटकर आएंगे और दुनिया में न्याय स्थापित करेंगे। इस मस्जिद पर लाल झंडा फहराना एक गूढ़ और प्रतीकात्मक कदम है। इसके अलावा यह लाल झंडा इमाम हुसैन की कर्बला में शहादत से प्रेरित है। जब कोई बड़ा हमला या हताहत होता है, जैसे कि सैन्य हमले या आतंकवादी घटनाएं, लाल झंडा फहराकर शहादत और बदले की भावना को व्यक्त किया जाता है।

शिया समुदाय में है विशेष महत्व

हाल के वर्षों में जब ईरान को बाहरी खतरों, जैसे इजराइल या अमेरिका से हमले का सामना करना पड़ता है, लाल झंडा फहराया जाता है। यह सैन्य जवाब और प्रतिशोध की तैयारी का संकेत देता है। जो शिया समुदाय के लिए विशेष धार्मिक और भावनात्मक महत्व रखता है। यह इस समुदाय की दृढ़ता और इजराइल या पश्चिमी देशों जैसी बाहरी शक्तियों के खिलाफ प्रतिरोध को व्यक्त करता है। खासकर संकट के समय, यह झंडा शिया समुदाय को भावनात्मक और वैचारिक रूप से एकजुट करता है।

कब-कब मस्जिद में फहराया लाल झंडा

जामकरण मस्जिद में लाल झंडा आमतौर पर मुहर्रम के मौके पर ही फहराया जाता है, आमतौर पर मस्जिद पर लाल झंडा फहराना दुर्लभ है। लेकिन जनवरी 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में IRGC के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की बगदाद में हत्या के बाद जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया था। यह पहली बार था जब मस्जिद पर इस तरह का झंडा फहराया गया, जो अमेरिका के खिलाफ बदले का संदेश था। ईरान ने इसके जवाब में इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइल हमले किए थे। इसके अलावा कोविड-19 के दौरान, 2017 में तेहरान में ISIS के हमले के बाद और कई क्षेत्रीय संघर्ष के दौरान दूसरे देशों में रहने वाले शिया समुदाय पर हमले के बाद भी, इसी तरह के प्रतीकात्मक कदम उठाए गए थे।

जारी है इजराइल का ऑपरेशन “राइजिंग लायन”

दूसरी ओर इजराइल का ऑपरेशन “राइजिंग लायन”जारी है, जिसका मकसद ईरान के खतरे को पूरी तरह खत्म करना है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह जंग लंबी चलेगी और उनका देश हर कीमत पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इजराइल में इन हमलों के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है, क्योंकि जनता और सेना दोनों ही ईरान के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। इजराइली वायु रक्षा प्रणाली, जिसे आयरन डोम के नाम से जाना जाता है, ने ईरान के आक्रमण के बाद कई मिसाइलों को नाकाम किया है, लेकिन पूरी तरह इन्हें रोक पाना संभव नहीं है, माना जा रहा है ईरान के हमलों के बाद इजराइल को भी नुकसान हुआ है।

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