Site icon SHABD SANCHI

Haryana Weather: दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, राहत के साथ चुनौतियां

delhi ncr haryana news

delhi ncr haryana news

Haryana Weather Update: हरियाणा में मानसून अभी सक्रिय है और अगले 12-13 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, 17 सितंबर से मानसून की विदाई शुरू हो सकती है।

Haryana Weather Update: इस बार मानसून ने दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। जून से अगस्त तक जहां सूरज की तपिश और उमस लोगों को परेशान करती थी, वहीं इस बार बादलों की मेहरबानी ने गर्मी से राहत दी। हालांकि, भारी बारिश ने जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी खड़ी कीं। मौसम विभाग के अनुसार, 17 सितंबर से मानसून की विदाई शुरू होगी, लेकिन जाते-जाते बादल और बरसेंगे। सितंबर में फरीदाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर में हल्की से तेज बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

अगले 12-13 दिन तक बारिश का दौर

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन-चार दिन बारिश होगी। 1 सितंबर को अच्छी बारिश, जबकि 2 और 3 सितंबर को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान तापमान में कमी और ठंडी हवाएं मौसम को सुहावना बनाएंगी। मानसून की ट्रफ उत्तर भारत में सक्रिय है और लगातार बन रहे लो प्रेशर एरिया के कारण अगले 12-13 दिन बारिश का दौर जारी रहेगा।

मारकंडा नदी उफान पर

हरियाणा के कई जिलों में बारिश का असर साफ दिख रहा है। सिरसा में घग्गर नदी खतरे के निशान पर है, तो कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी उफान पर है। फरीदाबाद में दिल्ली के ओखला बैराज से यमुना में छोड़े गए 55 हजार क्यूसेक पानी के कारण निचले इलाकों के खेत जलमग्न हो गए हैं। रजपुरा गांव में किसानों की बाजरे की फसल पूरी तरह डूब चुकी है।

पब्लिक हेल्थ विभाग की छुट्टियां रद्द कर दी गईं

बढ़ते जलस्तर और लगातार बारिश को देखते हुए सरकार सतर्क है। पब्लिक हेल्थ विभाग की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपना यूएई दौरा स्थगित कर दिया है। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि फसल नुकसान के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 12 जिलों के 1402 गांवों में 10 सितंबर तक खुला रहेगा।

मौसम विभाग ने कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर में अलर्ट जारी किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बारिश धान की फसल के लिए फायदेमंद है, लेकिन कपास, ग्वार और बाजरे पर नकारात्मक असर डाल सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों में पानी जमा न होने दें। सितंबर की शुरुआत में बारिश मौसम को सुहावना बनाएगी, लेकिन जलभराव और फसल नुकसान से बचने के लिए सावधानी जरूरी है।

Exit mobile version