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MP: प्रदेश में 83 फर्जी कॉलेजों की मान्यता रद्द, एडमिशन पर रोक

एमपी न्यूज

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MP College Scam: इन फर्जी कॉलेजों में जीवाजी और रीवा की एपीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज सबसे ज्यादा शामिल हैं। प्रदेश में जीवाजी यूनिवर्सिटी समेत कई विश्वविद्यालयों की मिलीभगत से प्राइवेट कॉलेजों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। ग्वालियर का एक कॉलेज कागजों में खेत में संचालित बताया गया। उच्च शिक्षा विभाग ने ऐसे 83 फर्जी कॉलेज पकड़े हैं। इन सभी की मान्यता अब रद्द कर दी गई है।

MP College Scam News: मध्यप्रदेश में 83 प्राइवेट कॉलेजों की मान्यता खत्म कर दी गई है। साथ ही इन कॉलेजों में नए सत्र के लिए एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। इन फर्जी कॉलेजों में जीवाजी और रीवा यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज सबसे ज्यादा शामिल हैं। प्रदेश में जीवाजी यूनिवर्सिटी समेत कई विश्वविद्यालयों की मिलीभगत से प्राइवेट कॉलेजों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। ग्वालियर का एक कॉलेज कागजों में खेत में संचालित बताया गया। उच्च शिक्षा विभाग की जांच में 83 प्राइवेट कॉलेजों में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद इनकी संबद्धता रद्द कर दी गई और एडमिशन पर रोक लगा दी गई।

ग्वालियर के मुरार का विंग्स कॉलेज, जो जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध है, इसका एक उदाहरण है। यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में इसका पता रतवई, चितौरा रोड, मुरार, ग्वालियर दर्ज है। यहां बीए, बीकॉम और बीएससी की डिग्री दी जाती हैं। यह कॉलेज 2020 में शुरू हुआ था और अब तक यहां से 900 छात्र डिग्री ले चुके हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस कॉलेज का कोई भौतिक अस्तित्व ही नहीं है। दस्तावेजों में दर्ज पते पर खेत मिलता है। यह अकेला मामला नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग ने ऐसे 83 फर्जी कॉलेज पकड़े हैं, जहां अलग-अलग अनियमितताएं पाई गईं। कुछ कॉलेज बिना बिल्डिंग के चल रहे हैं, तो कुछ एक कमरे में संचालित हो रहे हैं। इन सभी की मान्यता अब रद्द कर दी गई है।

विश्वविद्यालयों पर भी सवाल

जनवरी में उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने मध्यप्रदेश की 9 यूनिवर्सिटी से संबद्ध 729 प्राइवेट कॉलेजों का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया। हैरानी की बात है कि इन कॉलेजों का हर साल विश्वविद्यालय स्तर पर निरीक्षण होता था, और विश्वविद्यालयों की टीमें इन्हें मान्यता देती थीं। अब इस गड़बड़ी के बाद मान्यता देने वाली यूनिवर्सिटी भी सवालों के घेरे में हैं।

पहले भी 95 कॉलेजों पर कार्रवाई

उच्च शिक्षा विभाग ने जून के दूसरे सप्ताह में 95 निजी कॉलेजों की मान्यता निरस्त की थी। इसका कारण कुछ कॉलेजों के दस्तावेजों का अधूरा होना और नए नियमों का पालन न करना था।

जमीन के नाम पर फर्जीवाड़ा

कई कॉलेजों में जमीन से जुड़ी अनियमितताएं भी पकड़ी गईं। कुछ संस्थाओं ने कॉलेज की जमीन संचालन संस्था के नाम पर न दिखाकर किसी व्यक्ति के नाम पर दर्ज की। नियमों के अनुसार, कॉलेज की जमीन संस्था के नाम होनी चाहिए। भोपाल सहित कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए। यदि जांच में जमीन संस्था के नाम पर नहीं पाई जाती, तो संबंधित कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी जाती है।

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