RBI ने REPO Rate में 0.50% की कटौती की, Loan और EMI होंगे सस्ते: जानें आम लोगों को कैसे मिलेगा फायदा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। अब रेपो रेट 6 फीसदी से घटकर 5.50 फीसदी हो गया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने और लोगों को सस्ते कर्ज (Cheap Loans) उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। इस कटौती से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन (Home Loan, Auto Loan, Personal Loan) की मासिक किस्तें (EMI) कम होने की उम्मीद है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

रेपो रेट कम होने का क्या मतलब है?

रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है। जब यह दर कम होती है, तो बैंक सस्ते में कर्ज ले सकते हैं और इसका फायदा ग्राहकों को सस्ते लोन के रूप में मिलता है। इस बार 0.50 फीसदी की कटौती से बैंकों के लिए उधार लेना और सस्ता हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर (Interest Rate) पर लोन ऑफर कर सकते हैं।

आम लोगों को कैसे मिलेगा फायदा?

  1. होम लोन पर EMI में कमी: मान लीजिए, किसी ने 50 लाख रुपये का होम लोन (Home Loan) 20 साल के लिए 8.5% ब्याज दर पर लिया है। पहले उनकी मासिक EMI लगभग 43,391 रुपये थी। रेपो रेट में 0.50% की कटौती के बाद, अगर बैंक ब्याज दर को 8% तक कम करते हैं, तो EMI घटकर लगभग 41,822 रुपये हो सकती है। यानी हर महीने 1,569 रुपये की बचत होगी। 20 साल में यह बचत लाखों रुपये तक पहुंच सकती है।
  2. ऑटो लोन में राहत: उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति 7 लाख रुपये का कार लोन (Auto Loan) 5 साल के लिए 9% ब्याज दर पर लेता है, तो उसकी EMI लगभग 14,614 रुपये होगी। रेपो रेट कटौती के बाद अगर ब्याज दर 8.5% हो जाती है, तो EMI घटकर 14,258 रुपये हो सकती है। इससे हर महीने 356 रुपये की बचत होगी।
  3. पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड: पर्सनल लोन (Personal Loan) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं, जिससे छोटे-मोटे कर्ज लेने वालों को भी फायदा होगा। उदाहरण के लिए, 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन 12% ब्याज दर पर 3 साल के लिए लेने पर EMI लगभग 16,607 रुपये होती है। ब्याज दर 11.5% होने पर EMI 16,396 रुपये हो सकती है, यानी 211 रुपये की मासिक बचत।

अर्थव्यवस्था पर असर

रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती से न केवल लोन सस्ते होंगे, बल्कि उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) और निवेश (Investment) भी बढ़ेगा। इससे रियल एस्टेट (Real Estate), ऑटोमोबाइल (Automobile) और अन्य क्षेत्रों में मांग बढ़ सकती है। साथ ही, बॉन्ड मार्केट (Bond Market) को भी फायदा होगा, क्योंकि ब्याज दरें कम होने से बॉन्ड की कीमतें बढ़ती हैं।

विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह कटौती ऐसे समय में आई है, जब मुद्रास्फीति (Inflation) 3.7% के निचले स्तर पर है, जो आरबीआई के 4% के लक्ष्य से कम है। इससे केंद्रीय बैंक को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए और कदम उठाने की गुंजाइश मिली है। हालांकि, गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने चेतावनी दी कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं (Global Economic Uncertainties) और व्यापार युद्ध (Trade War) के जोखिमों पर नजर रखने की जरूरत है।

रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50% की कटौती से लोन लेने वालों को राहत मिलेगी और उनकी EMI में कमी आएगी। यह कदम मध्यम वर्ग (Middle Class) और कारोबारियों (Businesses) के लिए सकारात्मक है, जो सस्ते कर्ज के जरिए अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। हालांकि, यह फायदा तभी मिलेगा, जब बैंक इस कटौती को अपने ग्राहकों तक पूरी तरह पहुंचाएंगे।

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