RBI की Monetary Policy Committee की बैठक जून के पहले हफ़्ते मे है. और इसकी अहम बात यह है कि एक बार फिर से उम्मीद जताई जा रही है की Rate Cut होंगे. आपको बता दें कि, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में केंद्रीय बैंक नियमों में कुछ बड़े बदलाव कर सकता है. जैसे की उन NBFCs के नियमों में बदलाव होगा जो आम जनता से डिपॉजिट नहीं लेते हैं.
KYC Process की नई Guidlines आ सकती हैं
आपको बता दें केंद्रीय बैंक इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग से जुड़े नियमों की समीक्षा कर रहा है. इस बारे में नई गाइड लाइन आ सकती है. RBI Governor Sanjay Malhotra ने कहा था की केंद्रीय बैंक प्रोजेक्ट फाइनेंसिग ड्राफ्ट के नियमों पर मिले फीडबैक की समीक्षा कर रहा है.
Digital Currency के पायलट प्रोजेक्ट का होगा विस्तार
Central Bank सभी तरह के Co lending arrangements के लिए ड्राफ्ट फ्रेमवर्क जारी कर सकता है. RBI ने अपने प्रस्ताव पर 9 अप्रैल 2025 को आम लोगों की राय मांगी थी. 29 मई को जारी एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक की तरफ से चलाए जा रहे डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोग्राम का भी विस्तार किया जायेगा.
6 जून को आएगी RBI के MPC की रिपोर्ट
दरअसल RBI की MPC 4 जून को शुरू होगी और आगामी 6 जून को रिजल्ट आयेंगे. जी हां 4 और 5 जून को चर्चा के बाद 6 जून को RBI अपने फैसले सुनाएगा. अनुमान जताया जा रहा है की RBI लगातार तीसरी बार Repo Rate Cut करेगा. जी हां इसके पहले 2 बार रेपो रेट में कमी हो चुकी है. पहली बार फरवरी में रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट कम किए गए थे तो वहीं दूसरी बार अप्रैल में भी 25 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट में कमी की गई थी. इसके बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6 फीसदी पर आ गई.
Loan और EMI फिर कम होगी?
आपको बताएं रेपो रेट में गिरावट का मतलब यही है की बाजार में कैश फ्लो को बढ़ावा देना है और मार्केट में लोग पैसे खर्च करें ऐसे में तीसरी बार उम्मीद जताई जा रही है की रेपो रेट में कमी आएगी और आपके महंगे लोन सस्ते होंगे और आपकी जेब से हर महीने कटने वाली किस्त भी कम होगी जिससे लोग फिर से दिल खोलकर बाजार में पैसे खर्च करेंगे और बाजार में कैश फ्लो बढ़ेगा.
What is Repo Rate
रेपो रेट घटने से Loan और EMI कम होगी ये तो आपने जान लिया अब आपको बता दें की रेपो रेट है क्या तो यह वह दर है जिसमे बैंक आरबीआई से पैसे लेते हैं जी हां मान लीजिए किसी बैंक को RBI से कर्ज चाहिए तो वह जिस ब्याज पर कर्ज लेगा वह ही Repo Rate कहलाती है. और जब बैंको को RBI की तरफ से कम ब्याज पर पैसे मिलते हैं तो बैंक अपने ग्राहकों को भी सस्ती ब्याज पर लोन देते हैं.