RBI MPC: FII सहित इन चीजों का रहेगा इस हफ्ते बाजार में असर!

Stock market traders tracking share movements on screens during market hours

RBI MPC: इंडियन शेयर मार्केट में लगातार तीसरे हफ्ते तेजी का रुख जारी रहा और मार्केट ने इस हफ्ते अपने ऑलटाइम हाई लेवल को टच किया. इस तेजी को वैश्विक निवेशकों के मज़बूत भरोसे और घरेलू अर्थव्यवस्था से मिले पॉजिटिव संकेतों का सपोर्ट मिला. हालाँकि इस हफ्ते की शुरुआत में कुछ प्रॉफिटबुकिंग देखने को मिली, लेकिन मध्य सप्ताह में बाज़ार में सुधार हुआ, जिससे बाज़ार में फिर से तेज़ी का रुझान बना. इस सप्ताह के आखिर तक,a 0.52% बढ़कर 26,202.95 पर बंद हुआ, जबक Sensex 0.56% बढ़कर 85,706.67 पर बंद हुआ.

टॉप 5 फैक्टर जो इस हफ्ते जब दोबारा मार्केट खुलेगा तो स्टॉक मार्केट की चाल को प्रभावित कर सकते हैं.

RBI की MPC

इस हफ़्ते की सबसे अहम घटना 5 दिसंबर को होने वाली आरबीआई की मीटिंग है. इस मीटिंग में आरबीआई महंगाई, आर्थिक विकास और भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर चर्चा करेगा. निवेशक आरबीआई की सभी बातों पर कड़ी नज़र रखेंगे क्योंकि इसका शेयर मार्केट पर असर देखने को मिल सकता है.

Auto Sales Number

सप्ताह शुरुआत में कई ऑटो कंपनियां अपने सेल्स के आंकड़ों को जारी कर सकती है. इनमें कई दिग्गज कंपनियों के नाम शामिल है. अपने ऑटो सेल्स जारी करने के बाद उनका असर इन कंपनियों के स्टॉक में भी देखने को मिल सकता है, जिसपर निवेशकों की नज़र रहने वाली है.

वैश्विक फैक्टर्स

विश्व में, अमेरिका के आर्थिक आँकड़े इस बात को प्रभावित करने वाला मुख्य कारण होगा कि निवेशक कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार यह अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी दिसंबर की मीटिंग में क्या फैसला लेता है. फेड जो भी फैसला लेगा, वह इस बात को प्रभावित कर सकता है कि भारत जैसे देशों में कितना विदेशी पैसा आता है या जाता है.

Crude Oil (कच्चा तेल)

WTI क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार चौथे महीने गिरावट की ओर बढ़ रही हैं, जिससे की दो साल से ज़्यादा समय में गिरावट का सबसे लंबा दौर देखने को मिल रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि तेल की सप्लाई मांग से ज़्यादा है.

FII की गतिविधियां

बीते बाजार दिवस यानी शुक्रवार को, विदेशी निवेशकों यानी FII ने जितना भारतीय बाजार में निवेश किया, उससे ज़्यादा उन्होंने अपने पैसे को बाहर निकाला, जिससे उनकी नेट सेल्स 3,672.27 करोड़ रुपये रही. दूसरी तरफ, भारतीय संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई ने जितना पैसा बाहर निकाला, उससे ज़्यादा मार्केट में लगाया, जिससे उनकी नेट बाइंग 3,993.71 करोड़ रुपये रही

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