RBI MPC Results: RBI Monetary policy Committee की मीटिंग 4 जून से शुरू होकर 6 जून यानी आज तक चली इसके बाद MPC ने रिजल्ट्स घोषित किए जी हाँ जहाँ लगातार तीसरी बार Repo Rate में गिरावट हुई. गौरतलब है कि इस बार एक बार फिर 50 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट हुई. इतना ही नहीं आने वाले महीनों में और भी कटौतियों का संकेत मिल सकता है.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में डिमांड यानी मांग धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. क्रेडिट ग्रोथ, ऑटो बिक्री, रियल एस्टेट की बिक्री और घरेलू इनकम सभी में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं महंगाई भी नरम हो गई है और पिछले तीन महीनों में औसतन 4% से नीचे रही है.
Rupee vs Dollar
आपको बताएं विदेशी मोर्चे पर भी भारत के लिए हालात बेहतर हैं. डॉलर की कमजोरी और चालू खाते (BoP) की स्थिति सुधरने से विदेशी मुद्रा भंडार और रुपया दोनों मजबूत हैं. ऐसे में ब्याज दरों में कटौती के लिए न केवल गुंजाइश थी बल्कि इसकी जरूरत भी थी. RBI ने हाल के महीनों में सिस्टम में अच्छी मात्रा में लिक्विडिटी यानी नकदी डाली है. मई में ₹1.7 लाख करोड़ और जून की शुरुआत में ₹2.5 लाख करोड़ से अधिक की लिक्विडिटी सिस्टम में थी.
पॉलिसी सपोर्ट जरूरी
घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार हाल के महीनों में कमजोर हुई है. कंपनियों की आमदनी और मुनाफा घटा है, लोगों की आमदनी की रफ्तार धीमी है, क्रेडिट ग्रोथ कमजोर है और सरकार की फिस्कल नीति सख्त होती जा रही है. ऑटो और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में भी मंदी दिख रही है. अप्रैल में हेडलाइन महंगाई घटकर 3.2% पर आ गई, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है. साथ ही रुपया भी स्थिर बना हुआ है. इन दोनों वजहों से ब्याज दर में कटौती हुई है.
केयरएज रेटिंग का कहना है कि अप्रैल 2025 में महंगाई दर 3.2% पर आ गई है, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे कम है. रबी की अच्छी फसल और उम्मीद से बेहतर मानसून कृषि उत्पादन को बढ़ावा देंगे, जिससे खाद्य महंगाई और कम होगी. हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक जोखिम अभी भी भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए चुनौतियां बने हुए हैं.
लोन सस्ते होंगे
RBI ने इस साल पहले ही दो बार दरें घटाई हैं और ये लगातार तीसरी बार है जब दरें घटाई गई हैं. नुवामा को उम्मीद है कि इस मौद्रिक नीति चक्र में रेपो रेट 5% से 5.25% के बीच लाया जा सकता है. बहरहाल अभी वर्तमान में Repo Rate 6 फीसदी है जो की इस बार के 0.50 फीसदी की कमी के बाद 5.50 फीसदी पर आ गई है जिससे अब लोन सस्ते होंगे.