RBI Governor Sanjay Malhotra : भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर को शक्तिकांत दास की जगह लेंगे। वजह आरबीआई के 26वें गवर्नर नियुक्त हुए हैं। वह तीन साल के लिए गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालेंगे। मंगलवार को शक्तिकांत दास का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। संजय मल्होत्रा की नियुक्ति ऐसे समय हो रही है जब अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। ऐसे में उनके सामने कई चुनौतियां होंगी।
कौन हैं RBI के नए संजय मल्होत्रा? | rbi governor sanjay malhotra
आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वह वित्त और कराधान के व्यापक अनुभवी है। साल 2022, दिसंबर में संजय मल्होत्रा राजस्व विभाग में OSD के पद पर आसीन थे। इसके बाद उन्होंने वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के पद पर कार्य किया। अगर उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री और अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री ली है। वह एक कुशल आईआईटीयन हैं। अपने 33 साल के करियर में मल्होत्रा ने बिजली विभाग, वित्त विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी और कराधान के क्षेत्र में कार्य कर अच्छा योगदान दिया है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर शशिकांत दास के बाद संजय मल्होत्रा दूसरे वित्त मंत्रालय के नौकरशाह हैं।
संजय मल्होत्रा के लिए होंगी ये चुनौतियां | sanjay malhotra new rbi governor
RBI के गवर्नर के रूप में कार्य करना संजय मल्होत्रा के लिए आसान नहीं होगा। उनकी नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जहां उन्हें अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना होगा। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। अर्थव्यवस्था की विकास दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। ब्याज दरों में भी कटौती होने के कयास लग रहें हैं। इसलिए संजय मल्होत्रा को शिथिल अर्थव्यवस्था, कमजोर रुपया और महंगाई जैसे मुद्दों को फिर से मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करना पड़ेगा।
पूर्व RBI गवर्नर दास ने झेली थी परेशानियां | shaktikanta das
ऐसा नहीं है कि पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा था। जब उन्होंने आरबीआई गवर्नर के रूप में केंद्रीय बैंक का कार्यभार संभाला था तब आरबीआई और सरकार के बीच काफी उठा-पटक चल रही थी। उनसे पहले पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव और वाईवी रेड्डी को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। क्योंकि रघुराम राजन और उर्जित पटेल जैसे अर्थशास्त्रियों की ओर से अर्थव्यवस्था में कई खामियां की गईं थीं, जिन्हें ठीक करना था। अभी तक सभी गवर्नर का सरकार के साथ मतभेद देखने को मिलता आ रहा है। ऐसे में संजय मल्होत्रा के लिए भी यह बढ़ी चुनौती है कि सरकार के साथ तालमेल बिठाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत कैसे करेंगे।
फरवरी में MPC की अध्यक्षता करेंगे मल्होत्रा
आरबीआई के नए गवर्नर बनने के बाद संजय मल्होत्रा फरवरी की बैठक में MPC की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में उन्हें ब्याज दरों में कटौती पर विचार करना होगा। हालांकि पिछले हफ्ते आरबीआई में अपनी नियुक्ति की संभावना को भांपते हुए संजय मल्होत्रा ने राजस्व अधिकारियों से व्यवसायों और उद्योगों को भारी मांग नोटिस जारी करते समय सावधानी बरतने को कह दिया था। उन्होंने कहा था कि राजस्व के हित से पहले अर्थव्यवस्था के हित को ध्यान में रखा जाए।
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