बेंगलुरु में रैपिडो बाइक ड्राइवर ने महिला यात्री से की मारपीट, कर्नाटक में बाइक टैक्सी बैन

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Bengaluru Rapido Bike Assault Case: वायरल वीडियो में ड्राइवर को महिला को थप्पड़ मारते और उसे जमीन पर गिराते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को एक राहगीर ने रिकॉर्ड किया, जिसमें आसपास खड़े लोग भी नजर आ रहे हैं। शुरुआत में महिला शिकायत दर्ज करने से हिचकिचा रही थी, लेकिन पुलिस के समझाने पर उसने जयनगर थाने में शिकायत दर्ज की।

Bengaluru Rapido Bike Assault Case: बेंगलुरु के जयनगर इलाके में शुक्रवार को एक रैपिडो बाइक टैक्सी ड्राइवर द्वारा एक महिला यात्री के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सोमवार को वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

Bengaluru Rapido Viral Video: पुलिस के अनुसार, महिला ने ड्राइवर की तेज रफ्तार और लापरवाही भरे ड्राइविंग की शिकायत की थी, जिसके बाद दोनों के बीच बहस शुरू हुई। यह बहस जल्द ही झगड़े में बदल गई। वायरल वीडियो में ड्राइवर को महिला को थप्पड़ मारते और उसे जमीन पर गिराते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को एक राहगीर ने रिकॉर्ड किया, जिसमें आसपास खड़े लोग भी नजर आ रहे हैं।

शुरुआत में महिला शिकायत दर्ज करने से हिचकिचा रही थी, लेकिन पुलिस के समझाने पर उसने जयनगर थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने फिलहाल नॉन-कॉग्निजेबल रिपोर्ट (एनसीआर) दर्ज की है, लेकिन वीडियो के आधार पर अब एफआईआर दर्ज करने पर विचार कर रही है। जयनगर थाना पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध

इसी बीच, कर्नाटक सरकार ने 16 जून से बाइक टैक्सी सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। यह फैसला 13 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद आया, जिसमें रैपिडो, ओला और उबर मोटो जैसी बाइक टैक्सी सेवाओं को गैरकानूनी घोषित किया गया था। मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी।

नम्मा बाइक टैक्सी एसोसिएशन ने इस बैन के खिलाफ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। एसोसिएशन ने दिल्ली, राजस्थान और तेलंगाना की तर्ज पर लाइसेंस, बीमा, ट्रेनिंग और सुरक्षा मानकों जैसे नियम बनाकर बाइक टैक्सी को वैध करने की अपील की है।

एसोसिएशन ने यात्रियों की असुविधा और ड्राइवरों के रोजगार पर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से ड्राइवर समुदाय के साथ संवाद कर एक समावेशी और संतुलित नीति बनाने की मांग की, जो यात्री सुरक्षा और रोजगार दोनों को सुनिश्चित करे।

कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश

कर्नाटक सरकार ने 2 अप्रैल को बाइक टैक्सी सेवाओं पर रोक लगाने का फैसला किया था। यह कदम कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया गया, जिसमें कहा गया था कि निजी नंबर प्लेट वाली दोपहिया गाड़ियों को वाणिज्यिक सेवाओं के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं हैं।

अदालत ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 3 के तहत बाइक टैक्सी के लिए लाइसेंस, बीमा और सुरक्षा मानकों से जुड़े नियम बनाने तक इन सेवाओं को अवैध माना। साथ ही, कोर्ट ने छह हफ्तों में सेवाएं बंद करने और तीन महीनों में नियम बनाने के निर्देश दिए थे।

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