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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा “बच्चे औरंगजेब नहीं भगवान राम जैसे बनें”

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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि हम चाहते हैं मदरसों में पढ़ रहे बच्चे औरंगजेब जैसे नहीं बल्कि भगवान राम जैसे बनें। इसलिए वक्फ बोर्ड के सभी सदस्यों के सिलेबस में भगवान राम की कहानी लाने की बात हो रही है.

Uttarakhand Waqf Board News: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड से संबद्ध सदरसों के लिए मार्च 2024 से शुरू होने वाले नए सत्र से भगवान राम की कहानी को नए पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। वक्फ बोर्ड देहरादून के अध्यक्ष शादाब शम्स ने 25 जनवरी को कहा कि हम चाहते हैं कि मदरसों में पढ़ रहे बच्चे औरंगजेब जैसे नहीं बल्कि भगवान राम जैसे बनें। उन्होंने आगे कहा कि मदरसों के छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के साथ-साथ भगवान राम के जीवन की कहानी भी पढ़ाई जाएगी।

अनुभवी मुस्लिम मौलवियों ने भी इस कदम को मंजूरी दे दी है. बता दें कि शादाब शम्स एक भाजपा नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि श्री राम द्वारा दर्शाए गए मूल्य सभी के लिए अनुसरण करने योग्य हैं. चाहे उनका धर्म या आस्था कुछ भी हो. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 117 मदरसे हैं. आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों के मदरसों में शुरू किया जाएगा।

शम्स ने कहा कि इस साल मार्च से हमारे मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों में श्री राम का अध्ययन शुरू किया जाएगा। कोई ऐसा व्यक्ति जिसने अपने पिता की प्रतिबद्धता निभाने के लिए राजगद्दी छोड़ दी और जंगल में चला गया. कौन नहीं चाहेगा कि उसे श्री राम जैसा पुत्र मिले।

शादाब शम्स ने 20वीं सदी के दार्शनिक अल्लामा इकबाल का हवाला देते हुए कहा कि राम के वजूद पर हिंदुस्तान को नाज, अहले नजर समझते हैं उनको इमाम-ए-हिंद। शम्स ने कहा कि भगवान लक्ष्मण और देवी सीता, जो राज्य की सुख-सुविधाएं छोड़कर भगवान राम के साथ वन को चले गए थे.

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