अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को: चंपत राय ने दी जानकारी, सीएम योगी रहेंगे मुख्य अतिथि


Ram Darbar Pran Pratishtha Ayodhya Ram Temple: अयोध्या, 28 मई 2025: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि अयोध्या के श्री राम मंदिर में राम दरबार (Ram Darbar) सहित आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा (Consecration Ceremony) 5 जून 2025 को होगी। यह ऐतिहासिक अनुष्ठान गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के अवसर पर होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurta) में संपन्न होगा।

राम दरबार और अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा

  • राम दरबार: राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियां शामिल हैं। ये मूर्तियां जयपुर में मकराना मार्बल (Makrana Marble) से तैयार की गई हैं और 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर मंदिर परिसर में पहुंच चुकी हैं।
  • आठ मंदिर: राम मंदिर परिसर में आठ अन्य मंदिरों में भगवान शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा, शेषावतार (लक्ष्मण), और अन्य रामायण पात्रों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इनमें महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषाद राज, श trailer, और अहिल्या की मूर्तियां भी शामिल हैं।
  • अनुष्ठान का कार्यक्रम: 2 जून से पूजन, अनुष्ठान और सरयू जल कलश यात्रा (Saryu Jal Kalash Yatra) शुरू होगी। 3 जून से 5 जून तक प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष कर्मकांड होंगे, जिन्हें अयोध्या और काशी के 101 आचार्य संपन्न कराएंगे।
  • मुख्य अतिथि: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे और मूर्तियों की स्थापना की प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे।
  • धार्मिक आयोजन: ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि यह समारोह पूरी तरह धार्मिक होगा, जिसमें संत, साधु और धार्मिक नेता शामिल होंगे। पिछले साल 22 जनवरी 2024 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तुलना में यह आयोजन कम भव्य होगा।
  • मंदिर निर्माण की प्रगति: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) के अनुसार, राम मंदिर का निर्माण कार्य 96% पूरा हो चुका है और अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
  • मूर्तियों की स्थापना: मूर्तियों को 15 अप्रैल से अयोध्या लाया जाना शुरू हुआ था। राम दरबार में राम और सीता की 6 फीट ऊंची मूर्तियां सिंहासन पर स्थापित होंगी, जबकि लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां उनके चरणों में और भरत-शत्रुघ्न की मूर्तियां पीछे खड़ी मुद्रा में होंगी।

चंपत राय का बयान

चंपत राय ने कहा, “5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम दरबार और अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह समारोह भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। हमारा उद्देश्य अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।” उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर परिसर में चार भव्य प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं, जिनका नाम रामानुजाचार्य, शंकराचार्य, माधवाचार्य और रामानंदाचार्य के नाम पर होगा।

मंदिर की लोकप्रियता

राम मंदिर में पिछले एक साल में 16 करोड़ श्रद्धालु (16 Crore Devotees) दर्शन के लिए पहुंचे हैं, जिनमें से 5 करोड़ ने राम मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रतिदिन औसतन 3 से 5 लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। ट्रस्ट ने 2020 से 2025 तक 400 करोड़ रुपये का कर (400 Crore Tax) सरकार को भुगतान किया है, जिसमें 270 करोड़ रुपये GST शामिल हैं।

राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या की आध्यात्मिक यात्रा में एक और ऐतिहासिक कदम है। यह समारोह न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक विरासत को भी दर्शाता है। ट्रस्ट के प्रयासों और योगी सरकार के सहयोग से अयोध्या वैश्विक तीर्थ स्थल के रूप में उभर रहा है।

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