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श्रद्धालुओं के लिए खोला गया राम दरबार, जानिए कैसे मिलेगी एंट्री, क्या है दर्शन का समय?

ram darbar news

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Ayodhya Shri Ram Darbar: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने शुक्रवार देर शाम यह निर्णय लिया, जिसके बाद भक्त अब राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे।न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दर्शन के लिए दो पाली निर्धारित की गई हैं—शाम 5 से 7 बजे और 7 से 9 बजे। प्रत्येक पाली में सीमित संख्या में पास उपलब्ध होंगे।

Shri Ram Mandir in Ayodhya: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित राम दरबार को शनिवार, 14 जून 2025 से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने शुक्रवार देर शाम यह निर्णय लिया, जिसके बाद भक्त अब राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे।

दर्शन के लिए दो पाली में पास व्यवस्था

न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दर्शन के लिए दो पाली निर्धारित की गई हैं—शाम 5 से 7 बजे और 7 से 9 बजे। प्रत्येक पाली में सीमित संख्या में पास उपलब्ध होंगे। स्थानीय प्रशासन और न्यास के महासचिव चंपत राय ने मिलकर भक्तों को राम दरबार में प्रवेश की अनुमति दी है। राम लला के दर्शन की तरह, राम दरबार के लिए भी पास व्यवस्था लागू की गई है।

दर्शन का समय और पास की व्यवस्था

राम दरबार और परिसर में नवनिर्मित आठ मंदिरों में 5 जून को प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। दर्शन के लिए सुबह 7 से 9, 9 से 11, दोपहर 1 से 3, 3 से 5, 5 से 7 और 7 से 9 बजे तक छह पाली निर्धारित हैं। प्रत्येक पाली में 300 पास उपलब्ध होंगे, जिनमें 150 पास जिला प्रशासन और 150 पास मंदिर न्यास को आवंटित किए गए हैं। इनमें 100 पास विशेष दर्शन और 50 पास सुगम दर्शन के लिए हैं।

राम दरबार में स्थापित प्रतिमाएं

राम दरबार में भगवान राम के साथ माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की प्रतिमाएं स्थापित हैं। इसके अलावा, मंदिर परिसर में उत्तर-पूर्व कोने में भगवान शिव, दक्षिण-पूर्व में भगवान गणेश, दक्षिणी विंग में हनुमान, दक्षिण-पश्चिम में सूर्य, उत्तर-पश्चिम में भगवती और उत्तरी विंग में माता अन्नपूर्णा की प्रतिमाएं हैं।

राम मंदिर की विशेषताएं

पारंपरिक नागर शैली में निर्मित यह तीन मंजिला मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है। 2.77 एकड़ में फैले इस मंदिर में 392 नक्काशीदार स्तंभ, 44 दरवाजे और हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी गई हैं।

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