Rajvir Jawanda Last Rites: राजवीर जवांदा को उनके पैतृक गांव में दी जाएगी अंतिम विदाई

Rajvir Jawanda Last Rites

Rajvir Jawanda Last Rites: पंजाबी संगीत के चमकते सितारे राजवीर जवांदा अब अपने चाहने वालों के बीच केवल गीतों की यादों में रहेंगे। सड़क हादसे के बाद लगातार 11 दिनों तक जीवन और मौत की जंग लड़ने वाले राजवीर जवांदा कि 8 अक्टूबर को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में मृत्यु हो गई और उनका पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद अब उनके पैतृक गांव पौना (जगरां लुधियाना) के लिए रवाना किया गया है। उनके गांव की गलियों में मातम पसरा हुआ है। हर चेहरा आंसुओं से भीगा दिखाई दे रहा है। परिजन रिश्तेदार और हजारों प्रशंसक हताश और निराश दिखाई दे रहे हैं।

Rajvir Jawanda Last Rites
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एक्सीडेंट के बाद 11 दिनों तक लड़ी जिंदगी और मौत की जंग

जैसा कि हम सब जानते हैं राजवीर जवांदा पंजाबी संगीत जगत के चमकते सितारे थे। हाल ही में 27 सितंबर 2025 के दिन हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र में बाइक से गिरकर उनका एक्सीडेंट हो गया और राजवीर को सर और स्पाइन पर गंभीर चोटें आई। हालांकि शुरुआत में उन्हें स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा दी गई और उसके बाद फोर्टिस अस्पताल मोहाली पंजाब ले जाया गया।

यहां एक्सपर्ट्स ने बताया कि उन्हें न्यूरोलॉजिकल इंजरी हुई है। खासकर ब्रेन और स्पाइनल एरिया को काफी डैमेज हुआ है जिसकी वजह से राजवीर जवांदा को मल्टीप्ल ऑर्गन फ़ेलियर हो गया और आखिरकार 8 अक्टूबर 2025 की सुबह उन्होंने कार्डियक अरेस्ट के कारण अंतिम सांस ली।

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अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव पहुंचा पार्थिव शरीर

बता दे मृत्यु के बाघ राजवीर जवांदा के शव को उनके सेक्टर 71 स्थित घर लाया गया। इसके बाद शव को मोहाली के फेज 6 सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। पोस्टमार्टम होने के बाद अब राजवीर जवांदा का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पौना के लिए रवाना हो गया है। वहां अब 9 अक्टूबर के दिन सुबह 11:00 बजे अंतिम संस्कार का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

बता दे राजवीर जवांदा अपने परिवार पत्नी अश्विंदर कौर, दो बच्चे हेमंत कौर दिलवर सिंह, माता परमजीत कौर, बहन और पिता को पीछे छोड़ गए हैं। उनकी मौत से सारे परिवारजन बेहद दुखी और हताश दिखाई दे रहे हैं। केवल परिवारजन ही नहीं संपूर्ण गांव का वातावरण ही शोकाकुल है। जिस घर आंगन में जहां उनके गीतों की धुन सुनाई देती थी वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव वाले कह रहे हैं कि राजवीर ने अपने सुरों से केवल पंजाब ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पंजाबी समुदाय को जोड़ा था और अब जब वह पंचतत्व में विलीन होंगे तो हर आंख नम और हर दिल भरी होगा।

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