राजनाथ सिंह का चीन दौरा: SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे, पाक रक्षा मंत्री से होगा सामना

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) 25 से 27 जून 2025 तक चीन (China) के किंगदाओ (Qingdao) शहर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। यह दौरा 2020 के गलवान संघर्ष (Galwan clash) के बाद भारत और चीन के बीच पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा होगी, जो अक्टूबर 2024 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control, LAC) पर गश्त और सैनिकों की वापसी के समझौते के बाद हो रही है। इस बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) भी शामिल होंगे, जिससे ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत और पाकिस्तान के रक्षा मंत्रियों का पहला आमना-सामना होगा।

SCO बैठक का महत्व शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक प्रमुख क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, ईरान, और मध्य एशियाई देश जैसे कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, और बेलारूस शामिल हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी, और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर सहयोग को बढ़ाना है। इस साल चीन (China) SCO की अध्यक्षता कर रहा है और उसने राजनाथ सिंह को औपचारिक निमंत्रण भेजा है।

भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारत और चीन के बीच संबंधों को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पिछले साल अक्टूबर 2024 में LAC (Line of Actual Control) पर तनाव कम करने के लिए हुए समझौते के बाद दोनों देशों ने सैन्य और कूटनीतिक संवाद बढ़ाया है। राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन (Admiral Dong Jun) के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावना है, जो लाओस में नवंबर 2024 में ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) के बाद उनकी दूसरी मुलाकात होगी। इसके अलावा, कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) को 2025 में फिर से शुरू करने की सहमति भी दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कूटनीति को दर्शाती है।

भारत-पाक तनाव और SCO मंच इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान सीमा पर तीव्र सैन्य टकराव देखा गया था। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) की मौजूदगी के कारण राजनाथ सिंह के साथ उनकी मुलाकात की संभावना क्षेत्रीय कूटनीति के लिए महत्वपूर्ण होगी।

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