Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) में जहां सभी पार्टियां अपना-अपना एजेंडा चला रही हैं, वहीं शिवसेना के दोनों धड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर जनता के सामने हैं। अब इस मुद्दे पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) भी कूद पड़े हैं। राज ठाकरे ने अपने एकमात्र विधायक राजू पाटिल (Raju Patil) की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना (Shiv Sena) और धनुषबाण उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) या एकनाथ शिंदे Eknath Shinde की संपत्ति नहीं है। बल्कि यह बाला साहेब ठाकरे Bala Saheb Thackeray की संपत्ति है। राज ठाकरे के इस ऐलान से महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई है।
Uddhav Thackeray गुट के नेता ने कहा फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा।
वहीं, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना के पूर्व विधायक और मौजूदा उम्मीदवार सुभाष भोईर का कहना है कि शिवसेना और धनुषबाण का मालिक कौन है, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा। सुभाष भोईर ने मनसे विधायक राजू पाटिल (Raju Patil) के काम पर उंगली उठाते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में कल्याण ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुआ है। स्थानीय स्तर पर पीने के पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में मौजूदा मनसे विधायक के पास अपने काम के लिए दिखाने को कुछ नहीं है। मनसे के एकमात्र विधायक यह नहीं बता पा रहे हैं कि आने वाले पांच सालों का एजेंडा क्या होगा।
Raj Thackeray के बेटे Amit Thackeray को भाजपा ने नहीं दिया समर्थन।
भाजपा ने राज ठाकरे (Raj Thackeray) को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि पार्टी विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) का समर्थन नहीं करेगी। आपको बता दें कि राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) माहिम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा है कि भाजपा अमित ठाकरे का समर्थन नहीं करेगी। आपको बता दें कि भाजपा महाराष्ट्र में सिर्फ एक सीट पर राज ठाकरे की पार्टी मनसे का समर्थन कर रही है और वह सीट मुंबई की शिवड़ी विधानसभा की है, जहां से मनसे नेता और राज ठाकरे (Raj Thackeray) के नंबर दो सिपाही बाला नांदगांवकर चुनाव लड़ रहे हैं।
Raj Thackeray ने CM Eknath Shinde पर भी कसा तंज। Maharashtra Assembly Election
राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर निशाना साधते हुए कहा, ”जो व्यक्ति 40 विधायकों के साथ जाता है, वह कहता है कि पिछले 2.5 साल में मेरा कुछ भी करने का मन नहीं कर रहा था। मुझे अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ बैठने का मन क्यों नहीं कर रहा था? क्योंकि मैं अजित पवार के साथ बैठने के लिए तैयार नहीं था। मुझे परेशानी और असुविधा हो रही थी, इसलिए मैं इन 40 विधायकों के साथ अलग हो गया। एक साल बाद मुझे पता चला कि जिस व्यक्ति के साथ मैं कभी बैठना पसंद नहीं करता था, वह आज मेरी गोद में बैठा है।
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