वेदर। अब जून का महीना शुरू हो गया है। प्री-मानसून का असर भी देखा जा रहा है। मानसून ने भी समय से पहले देश में दस्तक दे दिया है। ऐसे में बारिश को लेकर लोग चर्चा करने लगे है कि इस साल बारिश कैसी होगी। ज्योतिष गणना के अनुसार 8 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जिसे वर्षा का गर्भकाल माना जाता है। लेकिन, इस बार ग्रह स्थिति कुछ अलग संकेत दे रही है। मंगल वर्तमान में नीच राशि में है और सूर्य से दो राशि आगे चल रहा है, जिससे वायुमंडलीय संचार बाधित होगा। इसका सीधा असर मानसून की चाल पर पड़ेगा। इस वर्ष जल का तत्व वायु की तुलना में कमजोर रहेगा, जिससे बारिश की तीव्रता कम रहेगी। वहीं तेज हवाओं के कारण बिजली गिरने की घटनाएं अधिक हो सकती हैं।
नौका पर सवार होकर आएगी बारिश
संवत 2082 में मेघों का स्वामी सूर्य है और इस वर्ष ‘तक्षक’ नामक मेघ सक्रिय रहेगा। मेघमाला ग्रंथ के अनुसार बारिश नौका पर सवार होकर आएगी और ‘नीलक’ नामक मेघ वर्षा कराएगा। संवतसर का वास इस बार ‘कुंभकार’ के घर में है और रोहिणी का निवास ‘संधिकृत’ है। इसका मतलब यह है कि इस बार बारिश सामान्य रहने के संकेत हैं। वर्षा का कुल प्रमाण 94 विश्वा बताया गया है, जिसमें पर्वतों पर 48, समुद्र पर 22 और धरती पर 22 प्रतिशत बारिश का अनुमान है।
सूर्य का बदलेगा वाहन, मयूर पर होगे सवार
ज्योतिषविद्रों के अनुसार सूर्य 21 जून की रात 12 बजे आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। उस समय मूल नक्षत्र में शूल योग रहेगा और चंद्रमा धनु राशि में स्थित होगा। आर्द्रा से लेकर हस्त तक के आठ नक्षत्रों में वर्षा होती है। आर्द्रा में इस बार वर्षा का वाहन ‘मयूर’ रहेगा, जो शुभ संकेत है, हालांकि, आर्द्रा में सौम्या नाड़ी और स्त्री-पुरुष संज्ञा के योग के कारण अल्पवृष्टि के संकेत भी मिल रहे हैं। कुल मिलाकर जून का पहला पखवाड़ा भीषण गर्मी, उमस और तेज हवाओं के साथ बीतेगा और मानसून की रफ्तार पर ग्रहों की स्थिति निगाहें गड़ाए हुए है।