Indian Railway Interesting Facts: इंडियन रेलवे ने पैसेंजर्स के सफर को बेहद सुहाना बनाने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं देना आरंभ किया है. यही वजह है कि भारत का रेल नेटवर्क आज विश्वभर के लिए एक मिसाल बन चुका है. 24 घंटे में करोड़ों यात्रियों को यथासंभव समय पर गंतव्य तक पहुंचाने काम काम रेलवे बखूबी कर रहा है. हालांकि, कई बार ट्रेन से सफर करते समय यात्रियों के मन में कुछ सवाल आते हैं. चलिए उन्हीं सवालों के जवाब को आज आप तक पहुंचाते हैं.
इस तरह के होते हैं सवाल
ये सवाल ऐसे नहीं हैं की हम ही आपको बता रहे हैं कभी ना कभी आपके जेहन में भी ये सवाल आए होंगे उदाहरण के तौर पे समझते हैं जैसे ट्रेन पर लिखे कुछ कोडवर्ड देखकर, स्टेशन पर लगे पीले बोर्ड देखकर या प्लेटफॉर्म में बनी आकृतियों को देखकर मन में सवाल खड़े हो उठते हैं.
रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ क्यों लिखी होती है?
हम आप में से कई लोगों के दिमाग में ये सवाल एक ना एक बार जरूर आया होगा. जी हां ट्रेन से सफर करने वाला हर यात्री जब रेलवे स्टेशन के बोर्ड को पढ़ता है तो इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश जरूर करता है. आज हम आपको बताएंगे आखिर ट्रेन के पीले बोर्ड पर आखिरकार ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ क्यों लिखी जाती है ?
Ixigo के अनुसार, रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखने की कई वजह हैं. ऐसा दावा है कि, जब भारत में सबसे पहले रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे थे तो समुद्र के औसत स्तर की जानकारी से स्टेशनों का निर्माण करने और पटरियों को इस तरह से बिछाने में मदद मिली, जिससे बाढ़ और उच्च ज्वार से बचा जा सके. ये भी बताया जाता है कि, स्टेशन के पास भवन निर्माण की योजना बनाने के लिए संकेतों पर दर्शाए गए समुद्र स्तर का उपयोग किया गया था.
एक और वजह बताई जाती है जिसमें माना जाता है कि, ये संकेत ट्रेन चालकों को बताएंगे कि वे किस ऊंचाई पर यात्रा कर रहे हैं, जिससे उन्हें ट्रेन की शक्ति और गति के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलेगी.
समुद्र तल से ऊंचाई पर ये लोको पायलट को करने होते हैं ये काम
चलिए मान लेते हैं कि समुद्र तल से ऊंचाई 100 मीटर से बढ़कर 200 मीटर हो जाएगी, तो चालक को पता चल जाएगा कि यात्रा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए उसे शक्ति बढ़ानी होगी. इसी प्रकार, जब कोई रेलगाड़ी समुद्र तल से एक निश्चित ऊंचाई से नीचे आती थी, तो चालक दो स्टेशनों के बीच बनाए रखने योग्य गति का पता लगाने के लिए पीले संकेतों का उपयोग करता था. आजकल ट्रेनों की गति की योजना और निगरानी पहले से की जाती है, जो औसत समुद्र तल के अलावा कई अन्य कारकों से प्रभावित होती है, जैसे यातायात, मौसम, दिन का समय, आदि. यही कारण है कि आप देखेंगे कि नए रेलवे स्टेशनों पर संकेतों पर औसत समुद्र तल नहीं लिखा होता है.
अधिक जानने के लिए आज ही शब्द साँची के सोशल मीडिया पेज को फॉलो करें और अपडेटेड रहे।
- Facebook: shabdsanchi
- Instagram: shabdsanchiofficial
- YouTube: @ShabdSanchi
- Twitter: shabdsanchi
