Railway accident in Gonda, UP: चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतरे, 2 की मौत, कई घायल

Gonda: उत्तर प्रदेश के गोंडा में आज यानी गुरुवार को बड़ा रेल हादसा हो गया. इस ट्रेन का नाम चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस है. यह चंडीगढ़ से गोरखपुर होते हुए असम जा रही थी. मिली जानकारी के मुताबिक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं. वहीं ट्रेन के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. हादसे की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया. फंसे हुए यात्रियों को निकालने का काम जारी है.

READ MORE:Haryana Bhagwant Mann : हरियाणा की 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी AAP

रेलवे अधिकारियों के अलावा पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया है और मेडिकल स्टाफ को भी बुलाया गया है. ट्रेन चंडीगढ़ से आ रही थी. गोंडा स्टेशन से 20 किलोमीटर की दूरी पर यह हादसा हुआ. जब दोपहर के करीब 2:30 बज रहे थे. घटना के बाद इस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है. जानकारी के मुताबिक दो डिब्बे पूरी तरह से पटरी से उतर गए हैं और पटरियां भी उखड़ गई हैं. बड़ी मुश्किल से यात्रियों को दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों से बाहर निकाला गया है।

इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है. उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए हैं और साथ ही आस-पास के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है।

भारत में हाल के दिनों में ट्रेन हादसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इस बीच सवाल उठता है कि ट्रेन कवच सिस्टम का क्या हुआ?अभी एक महीने पहले ही 17 जून की सुबह पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था।

READ MORE:Snake Man: एक अमेरिकी व्यक्ति को जहरीले सांप ने 172 बार काटा, फिर भी बच गया

कवच सिस्टम क्या है?

भारतीय रेलवे द्वारा रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन ने एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम बनाया था। जिसे कवच सिस्टम नाम दिया गया। आसान शब्दों में कहें तो अगर ट्रेन का ड्राइवर सिग्नल तोड़कर आगे निकल जाता है तो ट्रेन में लगा कवच सिस्टम अपने आप एक्टिव हो जाता है। इसके बाद ही यह सिस्टम तुरंत पायलट को अलर्ट करता है और ब्रेक को भी कंट्रोल करता है। और अगर एक समय में एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें होती हैं तो कवच सिस्टम एक्टिव हो जाता है और उन्हें टकराने से रोकता है। यह सिस्टम अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए काम करता है। हालांकि अभी तक भारत के सभी रेलवे स्टेशन ट्रैक पर यह सिस्टम नहीं लगाया जा सका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *