लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को X पर लिखा, ‘सरकार पिछले दस साल से मेरे जीजाजी (Robert Vadra) को परेशान कर रही है। यह चार्जशीट उसी षडयंत्र का हिस्सा है।’
Rahul Gandhi ने लिखा, ‘मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ हूं, क्योंकि उन्हें राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। मुझे पता है कि वे बहादुर हैं और वे पूरी गरिमा से इसका सामना करते रहेंगे। आखिर में सच्चाई की जीत होगी।’

LOP राहुल गांधी का यह बयान उस वक्त आया है, जब ED ने गुरुवार को गुरुग्राम लैंड डील केस (Robert Vadra Gurugram Land Deal Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। यह पहली बार है कि जब किसी जांच एजेंसी ने रोबर्ट वाड्रा के खिलाफ किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर की है।
वाड्रा के अलावा इस चार्जशीट में कई अन्य लोगों के साथ कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। उनकी 37.64 करोड़ रुपए की संपत्ति भी अटैच की गई है। कांग्रेस ने गुरुवार को इसे ‘डराने की कोशिश’ बताया था।
मामला क्या है?
फरवरी 2008 में Robert Vadra की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी (Skylight Hospitality) ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज (Onkareshwar properties) से गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी।
इस समय हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) मुख्यमंत्री थे। जमीन खरीदने के करीब एक महीने बाद हुड्डा सरकार ने वाड्रा की कंपनी Skylight Hospitalityको 2.7 एकड़ जमीन पर आवासीय परियोजना विकसित करने की परमिशन दे दी। आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन के दाम बढ़ जाते हैं।
इसके करीब 2 महीने बाद ही जून 2008 में Skylight Hospitality ने यह जमीन 58 करोड़ में DLF को बेच दी। वाड्रा की कंपनी को करीब 4 महीने में ही 700 प्रतिशत से ज्यादा का मुनाफा होता है। 2012 में हुड्डा सरकार कॉलोनी बनाने का लाइसेंस DLF को ट्रांसफर कर दिया।
2012 में हरियाणा सरकार के भूमि रजिस्ट्रेशन के तब के निदेशक अशोक खेमका (Ashok Khemka) ने इस सौदे में अनियमितताओं का हवाला देकर जमीन का म्यूटेशन रद्द कर दिया।
खेमका ने दावा किया कि Skylight Hospitality को लाइसेंस देने की प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ। इसके बाद खेमका का तबादला कर दिया गया। इससे मामले में विवाद और बढ़ गया।