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पहलवानों से मिलने अखाड़े पहुंचे राहुल गांधी

Wrestling Federation of India

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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवान लगातार एक्शन लेने की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि यौन शोषण के आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए. इस बीच राहुल गांधी पहलवानों से मिलने के लिए दीपक पुनिया के गांव पहुंचे गए हैं.

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) और रेसलर्स के विवाद के बीच कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद राहुल गांधी बुधवार सुबह हरियाणा पहुंचे। यहां वे झज्जर में बजरंग पूनिया के गांव छारा के अखाड़े में आए।जहां उन्होंने प्रैक्टिस कर रहे पहलवानों से मुलाकात की। इस दौरान राहुल ने बजरंग पूनिया से कुछ देर अखाड़े में कुश्ती के दांव-पेंच भी जाने।

राहुल गांधी करीब पौने घंटे तक अखाड़े में रहे। उन्होंने नए पहलवानों से WFI-रेसलर्स विवाद को लेकर बातचीत की। इसके बाद बजरंग और दीपक पूनिया के कोच वीरेंद्र से भी बात की। राहुल गांधी के दौरे पर बजरंग पूनिया ने कहा- ” राहुल अखाड़े में हमारा रूटीन देखने आए थे कि एक खिलाड़ी का जीवन कैसा होता है। यहां से वे दिल्ली की तरफ रवाना हो गए।”

राहुल गांधी का यह सरप्राइज दौरा ऐसे वक्त पर हुआ है, जब पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने WFI को लेकर मोर्चा खोल रखा है। फेडरेशन में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।

बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री को ढ़ाई पेज की चिट्‌ठी लिख पद्मश्री उनके आवास के बाहर फुटपाथ पर रख दिया। मंगलवार को विनेश फोगाट ने भी PM को 2 पेज की चिट्‌ठी लिख खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड लौटाने का ऐलान कर दिया।

कोच बोले-अचानक पहुंचे राहुल

रेसलर बजरंग पूनिया के कोच और अखाड़े के संचालक वीरेंद्र ने बताया कि हम तो रूटीन में प्रैक्टिस करा रहे थे। सुबह करीब सवा 6 बजे अचानक राहुल अखाड़े पहुंचे। हम सभी देखकर हैरान रह गए। राहुल ने पहले सभी का हाल-चाल पूछा और फिर खिलाड़ियों के साथ खुद प्रैक्टिस की।

उन्होंने बताया कि उन्हें खेल के बारे में बहुत जानकारी है। हमारी पहलवानों के प्रकरण पर भी उनसे बात हुई। हमने बताया कि पहलवान खासकर महिला पहलवान बहुत मानसिक परेशानी झेल रही हैं.

कोच और अखाड़े के संचालक वीरेंद्र ने बताया कि राहुल ने अखाड़े में मेट पर कुश्ती की। इसके बाद राहुल उन्होंने बाजरे की रोटी और सरसों का साग भी साथ बैठकर खाया। इसके बाद दिल्ली जाते वक्त कुछ किसानों ने उन्हें खेत में लगे गन्ने और मूली भी तोड़कर दी। राहुल सुबह के वक्त में अखाड़े में पहुंचे थे। इससे स्वागत के लिए फूल का गुलदस्ता नहीं मिला तो अखाड़े के कोच ने खेत से मूली निकालकर भेंट की।

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