Rahul Gandhi on Sanatan : संसद में सनातन धर्म पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी के दिए गए बयान से चौतरफा सियासी बवाल मच गया है। नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा को हिंतुत्व की आड़ में हिंसा भड़काने वाली पार्टी कहा है। जिसके चलते उनके भाषण से कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों को हटा दिया गया है। इसके बाद भी मंगलवार को लोकसभा सत्र के सातवें दिन भी राहुल गाँधी सनातन पर दिए गए बयान पर कायम दिखे। उनके भाषण से कुछ अंश हटाने पर राहुल गाँधी ने कहा कि उनको जो कहना था वो कह चुके हैं। यह सच है। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वो जितना चाहें सच्चाई मिटाने की कोशिश कर सकते हैं। मगर सच्चाई कायम रहेगी।
राहुल गाँधी के भाषण से हटाए गए अंश (Rahul Gandhi on Sanatan)
मंगलवार को 18वीं लोकसभा सत्र (Parliament Session 2024) के सातवें दिन भी हिंतुत्व और सनातन धर्म पर चर्चा होने पर हंगामा हो गया है। संसदीय सत्र के छठे दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने सनातन पर बयान दिया था। उन्होंने अपने भाषण में पीएम मोदी और आरएसएस पर देश में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी पूरा हिन्दू समाज नहीं है। हिन्दू कभी हिंसा नहीं करता है। क्योंकि बीजेपी हिन्दुओं के नाम से हिंसा और नफ़रत फैलाती है। राहुल गाँधी के इसी बयान से संसद के अध्यक्ष के आदेश पर उनके भाषण के कई अंशों को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।
सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता – राहुल गाँधी
वहीं संसदीय कार्रवाई के सातवें दिन जब राहुल गाँधी (Rahul Gandhi on Sanatan) से पूछा गया कि उनके सनातन वाले भाषण से कुछ हिस्सों को हटा दिया गया है तो उन्होंने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना था, उन्होंने कह दिया है और यह सच है। वे जितना चाहें उतना मिटा सकते हैं, लेकिन सच्चाई कायम रहेगी।
राहुल गाँधी ने मीडिया से कहा, “मोदी जी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है लेकिन हकीकत में सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता है। जो मैंने कहा और जो मुझे कहना था मैंने कह दिया, वह सच्चाई है, अब उन्हें जो मिटाना है मिटाएं।”
सनातन पर क्या बोले थे राहुल गाँधी? (Rahul Gandhi on Sanatan)
दरअसल, विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने अपने पहले भाषण में ही मोदी सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के नेता सांप्रदायिक आधार पर लोगों को विभाजित कर रहें हैं। राहुल गाँधी ने कहा था कि बीजेपी के लोग खुद को हिंदू बता कर 24 घंटे हिंसा और नफरत की बाते करते हैं। जिसपर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गाँधी का कड़ा विरोध किया और माफी मांगने को कहा था। लेकिन राहुल गाँधी ने कहा है कि वो अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे।
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राहुल गाँधी के भाषण से क्या हटाया गया?
संसद में राहुल गाँधी (Rahul Gandhi on Sanatan) ने हिन्दू धर्म को इंगित करने के लिए महादेव की तस्वीर दिखाई थी। इसके साथ ही मुस्लिम और ईसाई धर्म को दिखाने के लिए उनसे जुड़ी तस्वीरें दिखाई थीं। इसके बाद राहुल गाँधी ने संविधान की एक प्रति भी हाथ में लेकर दिखाया। इस दौरान उन्होंने हिन्दू धर्म को लेकर कहा कि हिन्दू धर्म में हिंसा करने का उल्लेख नहीं है। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग खुद को हिन्दू बताते हैं और हिंसा करने की बाते करते हैं। भाषण से उनके इन्हीं अंशों को हटा दिया गया है।
राजद ने किया राहुल गाँधी का समर्थन
राहुल गाँधी के सनातन धर्म पर दिए गए बयान का जहां एनडीए दल विरोध कर रहें हैं वहीं राजद समर्थन में उतरा है। राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि राहुल गांधी ने भाजपा को सच का आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि सनातन धर्म कभी किसी को डराता या धमकाता नहीं है। सनातन तो वातावरण को सौहार्दपूर्ण बनाता है। धर्म के नाम पर भाजपा केवल लोगों में भय का माहौल बनाती है। शक्ति सिंह यादव ने कहा, “भाजपा जिस सनातन, हिन्दू की बात करती है, वह न तो सनातन है न ही हिन्दू। हिन्दू और सनातन का काम सबको साथ लेकर चलना है, लेकिन इसके ठीक उलट भाजपा के लोग नफरत फैलाते हैं।”
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