Rahul Gandhi at Bhopal : मध्य प्रदेश में हर के करीब दो साल बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भोपाल पहुंचे जहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। यहां राहुल गांधी ने ‘रेस का लंगड़ा घोड़ा’ कहकर ऐसा बयान दे दिया जिससे मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। राहुल गांधी किस बयान से मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं की रातों की नींद भी उड़ गई है।
राहुल गाँधी ने कहा – कांग्रेस के लंगड़े घोड़े | Rahul Gandhi at Madhya Pradesh
राहुल गाँधी ने कहा, ” इसलिए मैं कहता था कांग्रेस नेता दो टाइप के हैं, एक रस का घोड़ा है, कांग्रेस पार्टी कभी-कभी रस के घोड़े को बारात में भेज देती है। ये कमलनाथ ने कहा है। और कभी-कभी बारात के घोड़े को रस की लाइन में खड़ा कर देती है, उसको पीछे से एक चाबुक पड़ता है वह वहीं बैठ जाता है। मगर एक तीसरी केटेगरी है। एक हुआ रेस का, एक हुआ बारात का और एक तीसरा भी होता है। कौन सा होता है- लंगड़ा घोड़ा। तो ये छाँटना है हमे, लंगड़ा कौन सा, बारात वाला कौनसा है। बारात वाले घोड़े को बारात में भेजना है और रेस वाले को रेस में डालना है और लंगड़े वाले को रिटायर करना है।”
लंगड़े घोड़े की लिस्ट में नकुल नाथ का नाम?
राहुल गाँधी ने अपने बयान में कांग्रेस में तीन तरह के घोड़ो का जिक्र किया। अब सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी में लंगड़ा घोड़ा किन नेताओं को कहा है? राहुल गांधी किस बयान के बाद से हीमध्य प्रदेश कांग्रेस में अलग-अलग नेताओं को लेकर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। कुछ लोगों ने तो खुलकर नाम लेना भी शुरू कर दिया है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के किन नेताओं को लंगड़ा घोड़ा कहा है जिन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ की हो रही है। भोपाल में राहुल गाँधी के कार्यक्रम में कमलनाथ तो मौजूद थे लेकिन उनके बेटे नदारत थे। नकुलनाथ वही कांग्रेस नेता हैं, जिनके लिए उनके पिता कमलनाथ अलग-अलग मंच पर बैटिंग करते दिखते हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने लंगड़ा घोड़ा कहकर नकुलनाथ का ही इशारा दिया है।
राहुल गांधी ने कांग्रेसियों को दिया अल्टीमेटम | Rahul Gandhi statement at Bhopal
भोपाल में राहुल गांधी किस बयान के बाद से ही राजनीतिक उठापठक शुरू हो चुकी है। राहुल गांधी के बयान से यह तो साफ हो गया है कि अब कांग्रेस मध्य प्रदेश में बदलाव चाहती है। मध्य प्रदेश में 2 साल पहले कांग्रेस को मिली करारी हार की वजह पार्टी के अंदर की गुटबाजी रही है। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसी गुटबाज़ी को खत्म करने का अल्टीमेटम दे दिया हैं। क्योंकि कांग्रेस पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो हर वक्त पसीना बहाने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन वही कुछ ऐसे कार्यकर्ता व नेता भी है जो केवल गुटबाज़ी करने में ही व्यस्त रहते हैं। ऐसे में अब समय आ चुका है जब पार्टी से लंगड़े घोड़े वाले सभी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखायेगी।
2018 में 15 साल बाद बनी थी कांग्रेस की सरकार
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के जमीनी इतिहास की बात करें तो 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में 15 साल बाद जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। लेकिन विधायकों की बगावत की वजह से 15 महीने में ही कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिर गई। वहीं वही साल 2024 को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे ज्यादा निराश करने वाला रहा। पिछले साल में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी।
गुटबाज़ी ने कांग्रेस को चुनाव हराया | MP Congress News
लोकसभा चुनाव 2024 में जीरो पाने के बाद कांग्रेस ने पार्टी की इकाई में कई बदलाव किये। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश अध्यक्ष भी बदल दिया। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के अंदर एक नहीं बल्कि कई गुट बनकर तैयार हो गए। पार्टी के ये विधायक अक्सर ही कांग्रेस के लिए मुसीबते पैदा करते रहें हैं। गुटबाज़ी का आलम ये था कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कई विधायकों ने तो चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया था। इसी के चलते पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती गई इकलौती छिंदवाड़ा सीट भी 2024 के लोकसभा चुनाव में हार गई थी।
जल्द उठेगा कांग्रेस के लंगड़े घोड़ों से पर्दा
राहुल गाँधी भी अब ये समझ चुके हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का अस्तित्व बचाना है तो काम न करने वाले लंगड़े घोड़े को पार्टी से बाहर करना होगा। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस किन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएगी? भोपाल के मंच में राहुल गांधी ने कमलनाथ की तरफ इशारा करते हुए उन नेताओं को कांग्रेस से आउट करने का आदेश भी दे दिया।
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