Rahul Gandhi 50% Reservation की दीवार तोडना चाहते हैं, लेकिन वो पहले से जर्जर है

50% Reservation Controversy: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में आरक्षण की 50% की (Rahul Gandhi 50% Reservation) सीमा को तोड़ने की वकालत की है, उनका कहना है कि यह सामाजिक न्याय के लिए जरूरी है। हालांकि, भारत के कई राज्यों में पहले से ही सरकारी नौकरियों और परीक्षाओं में आरक्षण 50% से अधिक है। सुप्रीम कोर्ट ने 1992 के इंद्रा साहनी (Indira Sawhney Case 1992) मामले में आरक्षण की सीमा 50% (Reservation limit 50%) तय की थी, लेकिन कई राज्यों ने इसे पार कर लिया है. राहुल गांधी जिस दीवार को तोडना चाहते हैं वो पहले से जर्जर है टूटी हुई है सिर्फ मलबा बचा है.

भारत के किन राज्यों में आरक्षण 50% से अधिक है?

In which states reservation is more than 50%: भारत के सिर्फ तीन राज्य पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और उत्तराखंड को छोड़े किसी भी राज्य में आरक्षण 50% से कम नहीं है.

तमिलनाडु में आरक्षण की सीमा

Tamilnadu Reservation Limit: तमिलनाडु में कुल आरक्षण 69% है, जो देश में सबसे अधिक में से एक है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 18%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 1%, अति पिछड़ा वर्ग (MBC) के लिए 20%, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 30% आरक्षण है। OBC कोटे में 3.5% मुस्लिम और ईसाई समुदायों के लिए भी शामिल है। तमिलनाडु ने 1993 में 69% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया था।

बिहार में आरक्षण की सीमा

    Bihar Reservation Limit: बिहार में हाल ही में आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 75% कर दिया गया है, जो बड़े राज्यों में सबसे अधिक है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 20%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 2%, पिछड़ा वर्ग (BC) के लिए 18%, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 25%, और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण है। यह बदलाव 2023 में बिहार विधानसभा द्वारा पारित बिल के बाद लागू हुआ।

    छत्तीसगढ़ में आरक्षण की सीमा

    CG Reservation Limit: छत्तीसगढ़ में कुल आरक्षण 82% है, जो देश में सबसे अधिक है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 13%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 32%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। हालांकि, 2019 में हाई कोर्ट ने इस बढ़े हुए कोटे पर रोक लगा दी थी, लेकिन यह मामला अभी कोर्ट में है।

    महाराष्ट्र में आरक्षण की सीमा

    Maharashtra Reservation Limit: महाराष्ट्र में कुल आरक्षण 62% है। पहले यह 64-65% था, जिसमें मराठा समुदाय के लिए 12% (शिक्षा) और 13% (नौकरी) का कोटा शामिल था, लेकिन 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया। अब अनुसूचित जाति (SC) के लिए 13%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 7%, OBC के लिए 19%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। इसके अलावा, विशेष पिछड़ा वर्ग (SBC) और अन्य छोटे समुदायों के लिए भी कोटा है।

    तेलंगाना में आरक्षण की सीमा

    Telangana Reservation Limit: तेलंगाना में वर्तमान में कुल आरक्षण 50% है, लेकिन 2017 में राज्य सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण 4% से बढ़ाकर 12% और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 6% से 10% करने का बिल पास किया था, जिससे कुल आरक्षण 62% हो गया था। हालांकि, यह बिल केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए लंबित है। वर्तमान में SC के लिए 15%, ST के लिए 10%, OBC के लिए 25%, और EWS के लिए 10% आरक्षण लागू है।

    मध्य प्रदेश में आरक्षण की सीमा

    Madhya Pradesh Reservation Limit: मध्य प्रदेश में कुल आरक्षण 73% है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 20%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। यह कोटा 50% की सीमा को पार करता है और इसे लेकर कानूनी चुनौतियां भी हैं।

    राजस्थान में आरक्षण की सीमा

    Rajasthan Reservation Limit: राजस्थान में कुल आरक्षण 64% है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 12%, OBC के लिए 26%, अति पिछड़ा वर्ग (MBC) के लिए 5%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। गुर्जर समुदाय को विशेष पिछड़ा वर्ग में 5% कोटा देने की कोशिश की गई, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे 50% सीमा के उल्लंघन के चलते रद्द कर दिया।

    गुजरात में आरक्षण की सीमा

    Gujarat Reservation Limit गुजरात में कुल आरक्षण 59% है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 7%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 15%, OBC के लिए 27%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। यह कोटा 2019 में EWS आरक्षण लागू होने के बाद 50% से अधिक हो गया।

    केरल में आरक्षण की सीमा

    Kerala Reservation Limit: केरल में कुल आरक्षण 60% है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 8%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 2%, OBC के लिए 40%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। केरल पब्लिक सर्विस कमीशन में मुस्लिम समुदाय के लिए 12% कोटा भी शामिल है।

    हरियाणा में आरक्षण की सीमा

    Haryana Reservation Limit: हरियाणा में कुल आरक्षण 60% है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 20%, OBC के लिए 23%, विशेष पिछड़ा वर्ग (जाट और अन्य) के लिए 10%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है। जाट समुदाय को 10% कोटा देने का फैसला हाई कोर्ट में लंबित है।

    झारखंड में आरक्षण की सीमा

    Jharkhand Reservation Limit: झारखंड में कुल आरक्षण 60% है। यहां अनुसूचित जाति (SC) के लिए 10%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 26%, OBC के लिए 14%, और EWS के लिए 10% आरक्षण है।

      केंद्र सरकार की परीक्षाओं में कितना आरक्षण है?

      (Reservation Limit In Central Government Exam)
      केंद्र सरकार की नौकरियों और परीक्षाओं (जैसे UPSC, SSC आदि) में आरक्षण की स्थिति इस प्रकार है:

      • अनुसूचित जाति (SC): 15%
      • अनुसूचित जनजाति (ST): 7.5%
      • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 27%
      • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS): 10%
      • दिव्यांगजन (PwD): 4% (सभी श्रेणियों में)
        इस तरह, कुल आरक्षण 59.5% हो जाता है।

      तो बात ऐसी कि जब आरक्षण का 50% वाला नियम किसी राज्य में लागू होता ही नहीं है तो राहुल गांधी क्यों कहते हैं कि वो 50% आरक्षण की दीवार को खत्म कर देंगे। उस दीवार को राहुल गांधी से पहले ही कई लोगों ने खत्म किया है. सामान्य वर्ग के लिए परीक्षाओं में बैठना और नौकरी पाना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. आरक्षण काबिल लोगों के पैरों की जंजीर बन चुका है.

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