Rahul Gabdhi in Lok Sabha : राहुल गांधी ने संसद सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की आलोचना की और इसके विफल होने के कारण चीन की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के असफल होने से चीन को भारत के भीतर अपनी उपस्थिति स्थापित करने का अवसर मिला। गांधी का कहना था कि देश में घरेलू उत्पादन की क्षमताओं में गिरावट के कारण भारत को चीनी उत्पादों पर अधिक निर्भरता हो रही है, और यह स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
राहुल गाँधी ने ‘मेक इन इंडिया को बताया फेल | Rahul Gabdhi in Lok Sabha
बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के प्रमुख के बयानों का हवाला देते हुए बताया कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुस चुके हैं। गांधी ने इस संदर्भ में आरोप लगाया कि चीन की इस घुसपैठ का कारण भारत में घटती उत्पादन क्षमता है। उनका कहना था कि भारत अब इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स और अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों के लिए चीन पर निर्भर हो गया है, जो भारतीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।
चीन के भारत में घुसने से फेल हुआ सिस्टम | Union Budget 2025
राहुल गाँधी ने इसे ‘मेक इन इंडिया’ योजना की विफलता से जोड़ते हुए कहा, “मेक इन इंडिया को लागू करने में असफलता के कारण चीन भारत के भीतर स्थापित हो गया है।” गांधी ने यह भी कहा, “अगर हम युद्ध में जाएंगे तो हमारे पास चीनी इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरियां और ऑप्टिक्स होंगी, जिनसे हम चीन के खिलाफ लड़ेंगे।” उनका तर्क था कि भारत में उत्पादन की कमी के कारण देश को चीनी सामान खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
अमेरिका से कम है भारत की लागत संरचना | Rahul Gandhi statement
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारत को अपनी औद्योगिक नीति को सुधारने की आवश्यकता है और अमेरिकी साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाना चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत की लागत संरचना अमेरिका से बहुत कम है, और इस कारण भारत को अमेरिकी कंपनियों के लिए एक आवश्यक साझेदार के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने बताया कि अमेरिका के पास भारत जैसी उत्पादन क्षमता नहीं है, और भारत के बिना अमेरिका अपनी औद्योगिक प्रणाली का निर्माण नहीं कर सकता।
पाबंदी के बाद भी देश में चीन से आते हैं उत्पाद
इसके अलावा, गांधी ने मोबाइल फोन के उदाहरण के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की कि भारतीय बाजार में ‘भारत में निर्मित’ उत्पादों के दावों के बावजूद, उनमें अधिकांश घटक चीन से आते हैं, जिससे भारत चीन पर निर्भर हो जाता है। उनका कहना था कि देश को अपनी उत्पादन नीतियों को ठीक करना होगा ताकि चीन की बजाय भारत के भीतर इन उत्पादों का निर्माण हो सके।